Coronavirus News Update: मां से नवजात के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा कम
अमेरिकी शोधकर्ताओं का नया अध्ययन गर्भावस्था के दौरान व उसके परिवार को थोड़ी राहत प्रदान कर सकता है। इसमें पाया गया है कि कोरोना पॉजिटिव महिला से उसके नवजात के संक्रमित होने का खतरा बहुत कम होता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। गर्भावस्था के दौरान अगर कोई महिला कोरोना संक्रमित पाई जाती है तो पूरा परिवार चिंतित हो जाता है। उन्हें गर्भवती की सेहत के साथ-साथ नवजात के कोरोना संक्रमित होने की आशंका भी सताने लगती है। परिवार की यह चिंता निराधार नहीं होती, बल्कि अस्पताल की तरफ से प्रसव और उसके बाद के लिए तय नियम इसकी बड़ी वजह हैं। हालांकि, अमेरिकी शोधकर्ताओं का नया अध्ययन प्रसूता व उसके परिवार को थोड़ी राहत प्रदान कर सकता है। इसमें पाया गया है कि कोरोना पॉजिटिव महिला से उसके नवजात के संक्रमित होने का खतरा बहुत कम होता है।
बचाव के उपायों का भी रखना होगा ध्यान : अमेरिका के न्यूयॉर्क प्रेस्बिटेरियन एलेन हॉस्पिटल में 13 मार्च से 24 अप्रैल, 2020 के बीच कोरोना संक्रमित माताओं के 101 नवजातों पर किए गए अध्ययन का प्रकाशन पत्रिका जेएएमए पेडियाट्रिक्स में किया गया है। अध्ययन में शामिल और अमेरिका स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर की विशेषज्ञ सिंथिया गैंफी बैनरमैन के अनुसार, ‘अगर कोई संक्रमित महिला मास्क पहनती है, स्तनपान कराने से पहले साबुन से हाथ धोती है और शरीर की साफ-सफाई रखती है तो उसके नवजात को कोरोना होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।’
सिर्फ दो बच्चों को हुआ संक्रमण : विज्ञानियों ने बताया कि उन्होंने एहतियात के साथ नवजात और उनकी मां को एक ही कमरे में रखा। सोने के समय बच्चे को मां के बेड से छह फीट दूर पालने में रखा गया। संक्रमित महिलाओं को मास्क पहनकर और शरीर की साफ-सफाई रखते हुए बच्चों को दूध पिलाने व स्पर्श बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस दौरान सिर्फ दो नवजातों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। हालांकि, उनकी बीमारी का कोई क्लीनिकल साक्ष्य नहीं मिला। दो सप्ताह बाद जब फिजिशियन ने दोनों संक्रमितों के साथ-साथ आधे से ज्यादा शिशुओं की जांच की तो सभी स्वस्थ निकले।
नवजात को रखा जाता है अलग : बाल रोग विशेषज्ञों व स्वास्थ्य संगठनों की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार फिलहाल कोरोना संक्रमित महिला को प्रसव के तत्काल बाद नवजात से अलग कर दिया जाता है। संक्रमण फैलने के डर से महिला को स्तनपान भी नहीं कराने दिया जाता। नवजात को जल्द से जल्द नहलाया जाता है। हालांकि, ये दिशानिर्देश साक्ष्य आधारित नहीं हैं। मां का दूध देता है वायरस से लड़ने की ताकत अध्ययन का नेतृत्व करने वाली व अमेरिका स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैगेलोस कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन की विशेषज्ञ डैनी डुमित्रिउ के अनुसार, ‘अगर नवजात स्वस्थ है तो उसकी सुरक्षा लिए कोरोना संबंधी सभी उपायों का अनुपालन अनिवार्य नहीं है। कोरोना संक्रमित मां को स्तनपान कराना चाहिए।’ गैंफी बैनरमैन कहती हैं कि मां का दूध नवजात की कई बीमारियों से रक्षा करता है। कोरोना से बचाने में भी मदद कर सकता है। मां के दूध में कोरोना वायरस नहीं होता, जबकि एंटीबॉडी मौजूद होता है।