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Coronavirus Update: वैश्विक स्तर पर बढ़ते कोरोना केसों के बावजूद भारत में राहत मिलने की उम्मीद

भले ही देश में कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन पश्चिमी देशों का अनुभव बता रहा है कि भारत तेजी से हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 08:44 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 06:26 PM (IST)
Coronavirus Update: वैश्विक स्तर पर बढ़ते कोरोना केसों के बावजूद भारत में राहत मिलने की उम्मीद
Coronavirus Update: वैश्विक स्तर पर बढ़ते कोरोना केसों के बावजूद भारत में राहत मिलने की उम्मीद

नई दिल्‍ली, जेएनएन। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के तीन करोड़ मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से छठा हिस्सा भारत का है। भले ही देश में कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, लेकिन पश्चिमी देशों का अनुभव बता रहा है कि देश तेजी से हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहा है। इसकी एक बानगी इस तथ्य में भी दिखती है कि बढ़ती टेस्टिंग के बावजूद संक्रमण के मामले स्थिर हो गए हैं। दुनिया के कई देशों में इस स्थिति के बाद दैनिक संक्रमण के मामलों में जबरदस्त कमी दर्ज की गई थी।

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मई की स्थिति से तुलना : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के 50 से अधिक वैज्ञानिकों ने पहले देशव्यापी सीरो सर्वे में बताया था कि मई में देश में संक्रमित होने वालों की वास्तविक संख्या 64 लाख थी। सर्वे के मुताबिक, तब कुल वास्तविक मामले संक्रमित मामले से करीब 80 गुना अधिक थे। आज देश में कुल संक्रमितों की संख्या 50 लाख से ऊपर हो चुकी है। इस लिहाज से वास्तविक संक्रमण की तस्वीर 40 करोड़ हो चुकी होगी।

हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ता देश : महामारी को रोकने के लिए हर्ड इम्युनिटी महत्वपूर्ण है। इसके लिए एक निश्चित आबादी का प्रतिरक्षा (संक्रमण अथवा वैक्सीन के जरिये) हासिल करना जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि 60 फीसद लोगों के संक्रमित होने पर हर्ड इम्युनिटी बन जाती है। देश में अगर चालीस करोड़ लोग संक्रमित हो गए होंगे तो करीब एक तिहाई आबादी में एंटीबॉडी बन चुकी है। यह स्थिति रही तो देश में जल्द ही हर्ड इम्युनिटी विकसित हो सकती है।

टेस्टिंग के बावजूद दैनिक मामले स्थिर : भारत में टेस्ट की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना करीब 10 लाख लोगों के टेस्ट हो रहे हैं। अब तक देश में 6 करोड़ से ज्यादा लोगों के टेस्ट हो चुके हैं। बढ़ती टेस्टिंग के बावजूद संक्रमितों की संख्या का आंकड़ा धीरे-धीरे स्थिर होता जा रहा है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण की पहली लहर स्थिर पड़ चुकी है।

पश्चिमी देशों से सबक : पश्चिमी देशों में शुरुआत में मामले बहुत ही तेजी से बढ़े, लेकिन इसके बाद इनमें गिरावट दर्ज की गई। माना गया कि यहां पर हर्ड इम्युनिटी पैदा हो गई है। हालांकि हर्ड इम्युनिटी जीवन भर का बचाव नहीं है, बल्कि यह निश्चित समय तक ही सुरक्षा प्रदान करती है। ऐसे में इन देशों में तीन महीने बाद एक बार फिर नए मामले तेजी से सामने आने लगे हैं। भारत में यदि हर्ड इम्युनिटी विकसित होगी तो तीन महीने की सुरक्षा मिलेगी। इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि कोरोना का टीका हमारे पास होगा।


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