विदेशी छात्रों को लुभाने की योजना को कोरोना से लग सकता है झटका, एजुकेशन फेयर को टाला गया
अधिकारियों की मानें तो योजना पर कोराना का असर पड़ सकता है क्योंकि उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरु होने से पहले यह महामारी सामने आयी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे से दुनिया भर में मचे हड़कंप का असर विदेशी छात्रों को लुभाने के भारत के प्रयासों पर भी पड़ सकता है। फिलहाल इसे लेकर दुनिया के कई देशों में आयोजित किए जाने वाले एजुकेशन फेयर को टाल दिया गया है। यह अब स्थिति सामान्य होने पर ही आयोजित होंगे। स्टडी इन इंडिया प्लान के तहत जिन देशों को ऐसे फेयर के लिए चुना गया था, उनमें नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सहित अफ्रीकी और गल्फ देश आदि शामिल थे।
प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही महामारी आई सामने
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक योजना के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के विकल्प को खुला रखा गया है। इसके तहत किसी भी देश का कोई भी छात्र रजिस्ट्रेशन करा सकता है। फिलहाल योजना के तहत 160 भारतीय संस्थानों की ओर से 15 सौ कोर्स आफर किए जा रहे है। लेकिन अधिकारियों की मानें तो योजना पर कोराना का असर पड़ सकता है, क्योंकि उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरु होने से पहले यह महामारी सामने आयी है।
विदेशी छात्रों को लुभाने की सारी योजनाएं ठप
ऐसे में विदेशी छात्रों को लुभाने की उनकी सारी योजना ठप पड़ गई है। फिलहाल सरकार ने इस योजना के तहत एक लाख विदेशी छात्रों को लुभाने की योजना बनाई है। वह पिछले कई महीनों से इस पर काम भी कर रही थी। मौजूदा समय में देश में हर साल करीब पचास हजार विदेशी छात्र ही भारत आते है।
गौरतलब है कि विदेशी छात्रों को लुभाने की यह पहल सरकार ने उस समय तेज की है, जब अमेरिका, आस्ट्रेलिया सहित कई देशों में आय का एक बड़ा जरिया विदेशी छात्र ही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अकेले अमेरिका में हर साल करीब चार लाख भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के जाते है। जो वहां करीब सालाना 85 हजार करोड़ रुपए खर्च करते है। इसी तर्ज पर सरकार भी विदेशी छात्रों को लुभाने की योजना पर काम रही है।