अब ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से फैल रहा है कोरोना संक्रमण, इन राज्यों में ज्यादा बढ़े मामले
एसबीआइ के अनुसार समस्या यह है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद कई राज्य टेस्टिंग की संख्या को नहीं बढ़ा रहे हैं जिसका परिणाम अधिक पाजिटिविटी दर के रूप में आ रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जहां एक ओर ग्रामीण इलाकों में कोरोना के तेजी से बढ़ती संख्या नई चिंता का सबब बन गया है। अनलॉक-चार में अधिकांश प्रतिबंधों को हटा लिये जाने और उसके बाद आने वाले त्योहारी सीजन को देखते हुए कोरोना के मामलों की संख्या और भी तेजी से बढ़ सकती है। लेकिन राहत की बात यह है कि सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में नए मामलों में पिछले तीन हफ्ते में कमी के संकेत मिले हैं।
एसबीआइ की इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण इलाके अब तेजी से कोरोना की चपेट में आते जा रहे हैं। कोरोना के पूरे देश में व्यापक प्रसार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल में 10 से कम केस वाले कुल 458 जिले थे जिसमें से 415 ग्रामीण जिले थे। अब कुल 11 जिले ही ऐसे बचे हैं, जिसमें कोरोना से 10 से कम केस आए हैं, उनमें 10 ग्रामीण हैं। यानी अप्रैल से अब तक 405 अन्य ग्रामीण जिलों मे कोरोना पैर पसार चुका है। एसबीआइ के अनुसार, आंध्रप्रदेश के ग्रामीण जिले कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित हैं। साथ ही महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में ग्रामीण जिले तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं।
एसबीआइ के अनुसार समस्या यह है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद कई राज्य टेस्टिंग की संख्या को नहीं बढ़ा रहे हैं, जिसका परिणाम अधिक पाजिटिविटी दर के रूप में आ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में 17.4, आंध्रप्रदेश में 16.3, कर्नाटक में 10.3, छत्तीसगढ़ में 11.2 फीसद पाजिटिविटी दर है, जो पूरे देश की औसत दर 7.29 फीसद से कहीं ज्यादा है। एसबीआइ ने इन राज्यों में टेस्टिंग की संख्या तत्काल बढ़ाने की जरूरत बताई है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देश की बड़ी आबादी का परिणाम बता रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अनुसार बुधवार को देश में कोरोना की टेस्टिंग 11 लाख 70 लाख से अधिक हुई। अधिक टेस्टिंग के बावजूद पाजिटिविटी की दर सात फीसद के आस-पास बनी हुई और इसे पांच फीसदी लाने की कोशिश जारी है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग आठ लाख कोरोना के एक्टिव केस हैं, जिनमें 62 फीसदी केस पांच राज्यों महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में हैं। राहत की बात है कि इन पांचों की राज्यों में पिछले तीन हफ्ते में औसत केस में गिरावट दर्ज की गई है। उनके अनुसार, नए एक्टिव केस में आंध्रप्रदेश 13.5, कर्नाटक 16, महाराष्ट्र 6.8, तमिलनाडु 23.9 और उत्तरप्रदेश में 17 फीसदी की कमी आई है।
इसी तरह कोरोना के कारण होने वाली कुल मौतों में 70 फीसदी पांच राज्यों आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली से आते हैं। इनमें केवल दो राज्यों कर्नाटक और दिल्ली में इसमें बढ़ोतरी देखी जा रही है। जबकि पिछले तीन हफ्ते में आंध्रप्रदेश में 4.5, तमिलनाडु में 18 और महाराष्ट्र में 11.5 फीसद की कमी देखी गई है। चिंता की बात है कि अनलॉक-चार में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर पूरे देश में सभी गतिविधियों की इजाजत दे दी गई है। इसके अलावा जल्द त्योहारों का सीजन भी शुरू होने जा रहा है। ऐसे में लोगों का आपसी संपर्क बढ़ने निश्चित है। इससे कोरोना के संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसे देखते हुए राजेश भूषण ने कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है।