Move to Jagran APP

Coronavirus in India: नाइट कर्फ्यू और लाकडाउन जैसे कदमों के बीच कंटेनमेंट जोन पर फोकस, नई गाइडलाइंस जारी

नई गाइडलाइंस के अनुसार किसी इलाके के एक बार कंटेनमेंट जोन घोषित हो जाने के बाद ऐसे इलाकों में नाइट कर्फ्यू लगाने और रात में किसी भी तरह की आवाजाही को पूरी तरह प्रतिबंधित करने को कहा गया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 09:00 AM (IST)
Coronavirus in India: नाइट कर्फ्यू और लाकडाउन जैसे कदमों के बीच कंटेनमेंट जोन पर फोकस, नई गाइडलाइंस जारी
गृह सचिव ने राज्यों को दिया अमल का दिया निर्देश

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों में नाइट (रात्रि) कर्फ्यू और लाकडाउन जैसे कदमों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थानीय कंटेनमेंट जोन तैयार करने की विस्तृत गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके मुताबिक, किसी जिले, शहर या इलाके में कोरोना संक्रमण की पोजीटिविटी दर 10 फीसद से पार जाने या फिर कोरोना के आक्सीजन और आइसीयू बेड 60 फीसद भर जाने की स्थिति में स्थानीय प्रशासन को तत्काल उसे स्थानीय कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर देना चाहिए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इन गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन का निर्देश दिया है।

loksabha election banner

गृह मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन कहां या कब लगाना है या बड़ा कन्टेनमेंट जोन बनाना है, यह सबूतों को आधार बनाकर और प्रभावित जनसंख्या, भौगोलिक प्रसार, अस्पताल के बुनियादी ढांचे, कार्यबल और सीमाओं के आधार पर विश्लेषण के बाद किया जाता है। राज्यों को लॉकडाउन लगाने के लिए उद्देश्यपूर्ण, पारदर्शी और महामारी को लेकर निर्णय लेने के लिए एक व्यापक फ्रेम वर्क दिया गया है। प्रतिबंध 14 दिनों के लिए लागू किए जाएंगे। गृह मंत्रालय के अनुसार, कन्टेनमेंट जोन बनाने के लिए किसी क्षेत्र की पहचान होने के बाद अगले चरण..

1- नाईट कर्फ्यू - आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर रात में मूवमेंट पर प्रतिबंध लगाया जाए। स्थानीय प्रशासन कर्फ्यू की अवधि तय करेगा।

2- सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, त्योहार संबंधी और अन्य समारोहों पर प्रतिबंध। दिशानिर्देश कहते हैं कि संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करना है, लोगों के मेल-मिलाप को रोकना है। इसमें एक ज्ञात मेजबान COVID-19 है।

3- शादियों में लोगों की संख्या 50 और अंतिम संस्कार में 20 तक सीमित किया जाना है।

4- शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मूवी थिएटर, रेस्तरां और बार, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्विमिंग पूल और धार्मिक स्थान बंद रहेंगे।

5-केवल आवश्यक सेवाएं, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में जारी रहनी चाहिए।

6- रेलवे, बस, मेट्रो ट्रेन और कैब जैसे सार्वजनिक परिवहन अपनी क्षमता से आधे लोगों को लेकर संचालित किए जा सकते हैं।

7- आवश्यक वस्तुओं के परिवहन सहित अंतर-राज्यीय आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं।

8- कार्यालय अपने आधे कर्मचारियों के साथ कार्य कर सकते हैं।

9- औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों को शारीरिक दूरी कायम रखने के नियमों के अधीन किया जा सकता है।

10- ऐसे प्रतिष्ठानों में समय-समय पर रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से परीक्षण किया जाएगा।

पूर्वानुमान के मुताबिक बेड्स के पर्याप्त इंतजाम करें

नई गाइडलाइंस में दिल्ली समेत विभिन्न शहरों में मची अफरातफरी जैसे हालात से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन को कई निर्देश दिए गए हैं। इसकी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने स्थानीय प्रशासन से बेड की उपलब्धता को पारदर्शिता के साथ लोगों के सामने रखने की अपील करते हुए डैशबोर्ड तैयार करने का सुझाव दिया। साथ ही पोजीटिविटी रेट और भविष्य में इसके बढ़ने के पूर्वानुमान के आधार पर सरकारी और निजी क्षेत्र में कोरोना अस्पतालों और बेड के पर्याप्त इंतजाम पहले ही करने को कहा गया है। रेमडेसिविर जैसी जरूरी दवाओं के कोरोना इलाज के प्रोटोकाल के तहत इस्तेमाल सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।

सामुदायिक भागीदारी की अपील

कोरोना के बड़ी संख्या में मरीजों के सामने आने और इसको संभालने में सरकारी तंत्र की विफलता देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सामुदायिक भागीदारी की अपील की है। योजना आयोग के सदस्य डा. वीके पाल ने कहा कि सामुदायिक सहयोग के माध्यम से स्थानीय स्तर पर मरीजों की बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जाती है। वहीं, एम्स के निदेशक डाक्टर रणदीप गुलेरिया ने लोगों को आक्सीजन बेड पर बेवजह भर्ती नहीं होने की सलाह दी। उन्होंने विस्तार से बताया कि किन-किन परिस्थितियों में आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। उनके अनुसार अनियमित आक्सीजन लेने से फेफड़ों में नुकसान भी हो सकता है। बिना जरूरत वाले मरीजों से खाली हुए आक्सीजन बेड का इस्तेमाल जरूरतमंद मरीजों की जान बचाने में किया जा सकता है।

घबराने की जरूरत नहीं, आक्सीजन का पर्याप्त स्टाक

गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल ने कहा कि देश के पास मेडिकल आक्सीजन का पर्याप्त स्टाक है, मुद्दा परिवहन का है जिसे सरकार हल करने की कोशिश कर रही है। लिहाजा आक्सीजन के लिए घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।

घर में भी मास्क पहनने की सलाह

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि लोगों के बिना वजह घबराने की वजह से फायदे से ज्यादा नुकसान हो रहा है। टीकाकरण और कोरोना प्रोटोकाल के पालन की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने लोगों को घर में भी मास्क पहनने की सलाह दी। अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि महिलाएं मासिक धर्म के दौरान भी कोरोना का टीका लगवा सकती हैं।

घर में मेहमानों को आमंत्रित करने से भी बचें लोग

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि समय आ गया है जब लोगों को घर में मेहमानों को आमंत्रित करने से भी बचना चाहिए। एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा. वीके पाल ने कहा कि मैं कहूंगा कि अब समय आ गया है कि हम अपने घरों के अंदर भी मास्क पहनना शुरू कर दें। हम इसे घरों के बाहर पहनने के बारे में बात करते थे, लेकिन जिस तरह से संक्रमण फैल गया है, बेहतर होगा कि अगर हम किसी के साथ बैठे हैं तो हम अपने घरों के अंदर भी मास्क पहनें। लेकिन अगर घर में कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है तो उस व्यक्ति और घर में मौजूद सभी व्यक्तियों को निश्चित रूप से मास्क पहनना चाहिए। इसके अलावा कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखना चाहिए।' डा. पाल ने यह भी कहा कि लोगों को बेवजह अपने घरों से बाहर निकलने से भी बचना चाहिए।

अस्पताल में भर्ती में होना एकमात्र विकल्प नहीं

पॉल ने कहा कि यदि घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है, तो उस व्यक्ति को और घर में रह रहे अन्य लोगों को भी मास्क लगाना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि घर में इस प्रकार की सुविधा नहीं है, तो लोगों को पृथक-वास केंद्रों में जाना चाहिए। पॉल ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होना ही एकमात्र विकल्प नहीं है और ‘‘अस्पताल के बिस्तर जरूरतमंद लोगों के लिए होते हैं।

अनावश्यक घबराहट से हो रहा नुकसान

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अस्पताल की सुविधाओं के इष्टतम उपयोग के लिए सामुदायिक भागीदारी अहम है और लोगों में अनावश्यक घबराहट के कारण लाभ के बजाए नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सामान्य ऑक्सीजन स्तर और मामूली लक्षण वाले लोग भी अस्पतालों में भर्ती होना चाहते हैं, जिसके कारण वास्तव में जरूरतमंद मरीजों को अस्पतालों के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है और उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पा रहा।

पिछले 24 घंटे में 3.52 लाख मामले

देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,52,991 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,73,13,163 हो गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 28 लाख को पार कर गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय द्वारा सोमवार सुबह आठ बजे तक अपडेट की गई जानकारी के अनुसार, संक्रमण से 2,812 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,95,123 हो गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.