Coronavirus in India : भारत में कोविड-19 के 282 दिन, लड़ाई में पिछड़े सुविधा संपन्न देश
भारत से अधिक मामले सिर्फ अमेरिका में ही हैं। पहला मामला सामने आने के 282वें दिन यानी 6 नवंबर को भारत में 84 लाख मामले सामने आए हैं जबकि इतने ही दिनों के बाद अमेरिका में 90 लाख मामले थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी का निवास स्थान भारत कोरोना से लड़ाई में सुविधा संपन्न देशों से बहुत आगे है। प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद हमने अपने जीवट से लोगों के जीवन को बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया है। वहीं कम आबादी और बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली के बावजूद अमेरिका सहित कई यूरोपीय देशों में कोविड-19 महामारी ने कहर बरपाया है। अमेरिका में मामले घटने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। भारत में पहला मामला आने के बाद से अब तक 282 दिन बीत चुके हैं। आइए जानते हैं कि भारत के साथ दुनिया के दूसरे देशों का क्या है हाल।
बहुत बड़ा अंतर
भारत से अधिक मामले सिर्फ अमेरिका में ही हैं। पहला मामला सामने आने के 282वें दिन यानी 6 नवंबर को भारत में 84 लाख मामले सामने आए हैं, जबकि इतने ही दिनों के बाद अमेरिका में 90 लाख मामले थे। साथ ही जहां भारत में 5.20 लाख सक्रिय मामले बचे हैं, वहीं इतने दिनों के बाद अमेरिका में 29 लाख मामले थे। दोनों देशों में मौतों की संख्या में भी बहुत अंतर है। भारत में 1.25 लाख मौतें हुई हैं, जबकि अमेरिका में 2.32 लाख लोगों की मृत्यु हुई है।
प्रतिकूल हालातों के बावजूद बेहतर
भारत और अमेरिका की आबादी में काफी अंतर है। भारत की 138 अरब की आबादी के मुकाबले अमेरिका में करीब 33 करोड़ लोग हैं। विश्वबैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत का जनसंख्या घनत्व 400 से अधिक है, वहीं अमेरिका में यह सिर्फ 35 है। साक्षरता दर में भी दोनों देशों के बीच बहुत अंतर है। अमेरिका में 99 फीसद लोग साक्षर हैं, जबकि भारत में यह आंकड़ा बहुत कम है। साथ ही जितनी आधुनिक और सबसे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं अमेरिका में मौजूद हैं। उसकी भारत में कल्पना तक मुश्किल है, फिर भी इस लड़ाई में हम बेहतर हैं।
लॉकडाउन में कम था प्रसार
भारत में पहला मामला सामने आने के करीब ढाई महीने बाद पहली बार 13 अप्रैल को एक हजार से ज्यादा मामले सामने आए। वहीं अमेरिका में 20 जनवरी को पहला मामला सामने आया और 16 मार्च को एक हजार से अधिक दैनिक मामले सामने आए। जो सिर्फ 15 दिन में 25 हजार दैनिक मामलों तक पहुंच गए। जबकि भारत में एक हजार से 25 हजार तक पहुंचने में मामलों को आठ जुलाई तक का वक्त लगा। लॉकडाउन के दौरान भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों पर लगाम कसी रही और उसके बाद भी लोगों ने सतर्कता बरती। जिसके कारण बड़ी आबादी और जनसंख्या घनत्व के बावजूद मामलों की संख्या अमेरिका के मुकाबले कम ही रही और मौतें भी कम हुई।
बयानों के अंतर से मामलों के अंतर तक
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के मामले सामने आने के बाद कई बार देश को संबोधित किया और इससे लड़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया। साथ ही सख्त लॉकडाउन लगाया गया। इसके उलट अमेरिका में खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बिना मास्क के घूमते नजर आए। अमेरिका ने खतरे को कम करके दिखाया और जनता के सामने गलत नजीर पेश की, जिसके कारण देश को काफी नुकसान उठाना पड़ा।