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Coronavirus Impact: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट व अदालतों में चार जुलाई तक बढ़ा सीमित कामकाज

आदेश में स्पष्ट किया गया कि ई-फाइलिंग के साथ--साथ मैनुअल फाइलिंग की व्यवस्था भी इस दौरान जारी रहेगी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 07:49 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 07:49 AM (IST)
Coronavirus Impact: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट व अदालतों में चार जुलाई तक बढ़ा सीमित कामकाज
Coronavirus Impact: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट व अदालतों में चार जुलाई तक बढ़ा सीमित कामकाज

जबलपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मुख्यपीठ जबलपुर और खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर के साथ--साथ राज्य की सभी अदालतों में वर्तमान में चल रही अति आवश्यक श्रेणी के सीमित मामलों की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की व्यवस्था आगामी चार जुलाई तक के लिए ब़़ढा दी है। इस दौरान पूर्ववत सीमित संख्या में कर्मचारियों व अधिकारियों को ही काम पर बुलाया जाएगा।

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हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजेंद्र कुमार वाणी ने शनिवार को इस आशय की एडवाइजरी जारी की। एडवाइजरी के तहत राजधानी भोपाल व उज्जैन जिला अदालतों में पूर्व निर्देश के तहत सीमित संख्या में मामलों की सुनवाई जारी रहेगी। इंदौर जिला अदालत में चार जुलाई तक केवल जरूरी मामलों की ही सुनवाई की जाएगी। कंटेनमेंट क्षेत्र के निवासी जजों, कर्मियों को उनके निवास क्षेत्र के मुक्त होने तक काम पर नहीं बुलाया जाएगा। 

आदेश में स्पष्ट किया गया कि ई-फाइलिंग के साथ-साथ मैनुअल फाइलिंग की व्यवस्था भी इस दौरान जारी रहेगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केवल अति आवश्यक महत्वपूर्ण मामलों पर ही सुनवाई की जाएगी।

कोरोना संक्रमण काल में झोलाछाप डॉक्टर्स कैसे कर रहे इलाज- HC

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए राज्य शासन, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पुलिस महानिरीक्षक, संभागायुक्त जबलपुर, कलेक्टर-एसपी और सीएमएचओ जबलपुर को चार सप्ताह की मोहलत दी गई है। मामला कोरोना संक्रमण-काल में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मनमाने तरीके से इलाज किए जाने के रवैये को चुनौती से संबंधित है। मामले में अगली सुनवाई 26 जून को होगी।

मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर के ऋषिकेश सराफ की ओर से अधिवक्ता परितोषष गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए दलील दी कि एक तरफ कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक विडंबना सामने है, दूसरी तरफ जबलपुर सहित राज्य भर में झोलाछाप डॉक्टर्स धड़ल्ले से एलोपैथिक इलाज के जरिए मरीजों की जान लेने पर तुले हुए हैं। 


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