Coronavirus: हवा में नहीं फैलता कोरोना वायरस, आइसीएमआर ने ऐसे दावों को किया खारिज
कोरोना वायरस के हवा में उड़ने के दावों को गलत बताते हुए डॉक्टर गंगाखेड़कर ने कहा कि यदि ऐसा होता तो एक मरीज से परिवार के सभी सदस्यों में यह फैल जाता।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आइसीएमआर ने कोरोना वायरस के हवा में फैलने के दावों को खारिज कर दिया है। आइसीएमआर के डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर ने साफ किया कि ऐसे दावों का कोई पुख्ता वैज्ञानिक आधार नहीं है। उनके अनुसार नया वायरस होने के कारण लोग कई तरह के दावे कर रहे हैं, लेकिन केवल उन्हीं दावों का भरोसा करना चाहिए, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार हो।
कोरोना वायरस के हवा में उड़ने के दावों को गलत बताते हुए डॉक्टर गंगाखेड़कर ने कहा कि यदि ऐसा होता तो एक मरीज से परिवार के सभी सदस्यों में यह फैल जाता। यही नहीं, अस्पतालों में आस-पास भर्ती लोगों में भी यह वायरस पहुंच जाता, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं देखा गया है।
उन्होंने कहा कि वायरस को अभी तक मुंह और नाक से निकलने वाले पानी के कणों के सहारे तीन फीट तक फैलने या फिर हाथ व किसी ठोस धरातल के सहारे ही फैलने के प्रमाण मिले हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए आइसीएमआर सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोने का निर्देश दिया है।
बड़े पैमाने पर कोरोना की जांच को दी गई हरी झंडी
बता दें कि देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बड़े पैमाने पर जांच अभियान को हरी झंडी दे दी गई है। भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (Indian Council of Medical Research, ICMR) ने कई और लैब को कोविड-19 की जांच के लिए अधिकृत कर दिया है। इसके साथ ही आइसीएमआर ने रक्त नमूनों से एंटीबाडी परीक्षण को भी मंजूरी दे दी है। अब डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नालाजी (डीबीटी), डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नालाजी (डीएसटी), काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्टि्रयल रिसर्च (सीएसआइआर) और डिपार्टमेंट आफ एटामिक रिसर्च (डीएई) की लैब में भी कोविड-19 के नमूनों की जांच हो सकेगी।
यदि देश में कोरोना मामलों की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि भारत में अब तक कोरोना के कुल 3374 मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोना से देश में कुल 79 मौतें हुई हैं। वहीं, कल भर में कोरोना से 11 अतिरिक्त मौतें हुई हैं। कोरोना के इलाज के बाद 267 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।