Move to Jagran APP

मानसून में डेंगू के प्रकोप से बढ़ सकता है कोरोना संकट, देश के वैज्ञानिकों ने जताई गंभीर चिंता

वैज्ञानिकों ने कहा कि दोनों बीमारियों के मरीजों को संभालना मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मुश्किल होगा।मानसून और ठंडी से पहले डेंगू के मामले बढ़ते हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 11:25 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 11:50 AM (IST)
मानसून में डेंगू के प्रकोप से बढ़ सकता है कोरोना संकट, देश के वैज्ञानिकों ने जताई गंभीर चिंता
मानसून में डेंगू के प्रकोप से बढ़ सकता है कोरोना संकट, देश के वैज्ञानिकों ने जताई गंभीर चिंता

नई दिल्ली, प्रेट्र। मानसून के साथ ही देश के एक बड़े हिस्से में डेंगू का खतरा बढ़ गया है। कोरोना काल में मच्छर जनित बीमारी डेंगू को लेकर विज्ञानियों ने गंभीर चिंता जताने के साथ ही सतर्क किया है। विज्ञानियों का कहना है कि डेंगू के प्रकोप से कोरोना संकट बढ़ सकता है और अगर ऐसा हुआ तो मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मरीजों को संभालना मुश्किल हो जाएगा।

loksabha election banner

दोनों बीमारियों के कुछ लक्षण एक समान हैं, जैसे दोनों ही वायरस से संक्रमित होने पर तेज बुखार आता है और सिर व शरीर में दर्द होता है। लेकिन इसके लिए अलग-अलग टेस्ट कराने पड़ते हैं। डेंगू की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए कोरोना बड़ी मुश्किल पैदा कर सकता है। दोनों बीमारियों के साथ आने से मरीजों की संख्या तो बढ़ेगी ही, मृतकों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ेगा।

देश में अब तक कोरोना के आठ लाख से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं। 22 हजार से ज्यादा लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। 2016-19 के डाटा के आधार पर विषाणु विज्ञानी शाहीद जमील का कहना है कि हर साल लगभग एक से दो लाख डेंगू के मामले मिलते हैं। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) के मुताबिक 2019 में 1,36,422 डेंगू के मामले साने आए थे और 132 लोगों की मौत हुई थी।

जमील का कहना है कि डेंगू का वायरस स्थानिक है। दक्षिण भारत में तो लगभग साल भर डेंगू के मरीज मिलते हैं। लेकिन उत्तर भारत में मानसून के दौरान और ठंड की शुरुआत के दिनों में यह वायरस फैलता है। विषाणु विज्ञानी उपासना रे का कहना है कि दोनों बीमारियों का प्रकोप बढ़ा तो बड़ी मुश्किल होगी। अस्पतालों में पहले से ही कोरोना संकट के चलते बेड की कमी है ऐसे में डेंगू के मरीजों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करना कठिन हो जाएगा। रे ने कहा कि दोनों ही वायरस के लिए कोई वैक्सीन नहीं है और न ही कोई विशेष एंटी-वायरल इलाज ही मौजूद है। इसलिए रे कहती हैं कि हमें बहुत ही सावधानीपूर्वक तैयारी करनी होगी, क्योंकि डेंगू का प्रकोप बढ़ने का समय नजदीक आ गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.