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Coronavirus Alert: घूम-घूमकर संक्रमण फैला रहे साइलेंट कैरियर, एकदम अलग हैं इनके लक्षण

Coronavirus Alert विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादातर साइलेंट कैरियर की आयु 40 वर्ष से कम है। फिलहाल भारत भी यूएस ब्रिटेन व इटली जैसी गलती दोहरा रहा।

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 23 Mar 2020 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2020 11:56 PM (IST)
Coronavirus Alert: घूम-घूमकर संक्रमण फैला रहे साइलेंट कैरियर, एकदम अलग हैं इनके लक्षण
Coronavirus Alert: घूम-घूमकर संक्रमण फैला रहे साइलेंट कैरियर, एकदम अलग हैं इनके लक्षण

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग में साइलेंट कैरियर बेहद घातक साबित हो रहे हैं। दुनिया भर में कोरोना वायरस के जितने भी पॉजिटिव मरीज सामने मामले आ रहे हैं, उनमें से एक तिहाई ऐसे हैं जिन्हें किसी न किसी साइलेंट कैरियर से ये संक्रमण मिला है। ये वो साइलेंट कैरियर हैं, जिनमें कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं है। इस महामारी से निपटने में ये साइलेंट कैरियर सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। चीन ने अपने अनुभवों और अपने डाटा के अध्ययन से बताया है कि ऐसे साइलेंट कैरियर की पहचान कैसे करें?

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डेली मेल ऑनलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे ऐसे लोग जिनमें इस संक्रमण का कोई लक्षण नहीं दिखा या बहुत देर से दिखा, उन लोगों से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे हैं, जिनमें कोविड-19 (Covid-19) वायरस के स्पष्ट लक्षण दिख रहे हैं। रिपोर्ट में चीनी सरकार के डाटा अध्ययन का हवाला देते हुए बताया गया है कि हमारे सामने वायरस के जितने संक्रमित लोग हैं या जो दिख रहे हैं, साइलेंट कैरियर की संख्या उनसे कई गुना ज्यादा हो सकती है।

चीन के आंकड़ों ने चौंकाया

चीन के सरकारी आंकड़ों बताते हैं कि फरवरी-2020 के अंत तक 43,000 से ज्यादा ऐसे कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए, जिनमें इसका कोई लक्षण नहीं दिख रहा था। ये लोग सेल्फ क्वारंटाइन थे, लेकिन वायरस की पुष्टि न होने की वजह इन्हें आधिकारिक आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया था। उस वक्त चीन में कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों का आधिकारिक आंकड़ा 80,000 था। ये आंकड़ें कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

संक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार कौन

इन आंकड़ों ने कोरोना वायरस पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों को चकित कर दिया है। हालत ये हो चुकि है कि अब वैज्ञानिकों के सामने भी चुनौती खड़ी हो गई है कि संक्रमण फैलाने के लिए ज्यादा जिम्मेदार किन्हें माना जाए। वायरस के साइलेंट कैरियर को या उन लोगों को जिनमें इसके लक्षण देखे गए। दुनिया भर में ऐसे वैज्ञानिकों की संख्या तेजी से बढ़ी है जो हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए उस बयान से असहमति जता रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि बिना लक्षण वाले लोगों से इस वायरस के फैलने की संभावना बहुत कम है। मालूम हो कि चीन स्थित डब्ल्यूएचओ इंटरनेशनल मिशन ने अनुमान जताया था कि जिन लोगों में कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं है, उनसे संक्रमित होने वालों की संख्या एक से तीन फीसद हो सकती है।

यूएस, ब्रिटेन व इटली जैसी गलतियां कर रहा भारत

विशेषज्ञों के मुताबिक पश्चिमी देशों जैसे यूनाइटेड स्टेट्स, ब्रिटेन और इटली ने केवल उन्हीं आम लोगों का मेडिकल टेस्ट किया, जिनमें इसके लक्षण पाए गए। उन लोगों का कोई मेडिकल टेस्ट नहीं हुआ, जिनमें इसका कोई लक्षण मौजूद नहीं था। यूएसए और यूरोपीय देशों में एयरपोर्ट पर आने वाले केवल उन्हीं यात्रियों की मेडिकल जांच की जा रही है, जिनमें इस वायरस का कोई लक्षण दिखा। वहीं हॉगकॉग ने एयरपोर्ट पर आने वाले सभी यात्रियों का मेडिकल टेस्ट किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके विपरीत चीन और साउथ कोरिया द्वारा इस वायरस से निपटने के लिए अपनाई गई रणनीति काफी कारगर रही है। फिलहाल भारत भी यूएस, ब्रिटेन और इटली जैसी ही गलती कर रहा है। भारत में अभी आबादी के अनुपात में कोरोना संदिग्धों की जांच का आंकड़ा बहुत कम है।

दुनिया भर में साइलेंट किलर के कई मामले आए सामने

चीन व दक्षिण कोरिया ने उन सभी लोगों का मेडिकल टेस्ट किया, जो किसी भी संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे। इनमें वो लोग भी शामिल थे, जो पूरी तरह स्वस्थ दिख रहे थे। यही वजह है कि दोनों देशों इस वायरस से निपटने में काफी सफल रहे हैं। जापान सरकार द्वारा डायमंड प्रिसेंज क्रूज पर कोरोना पॉजिटिव मिले 712 यात्रियों के मेडिकल टेस्ट की डाटा रिपोर्ट का आंकलन करने पर पता चलता है कि इनमें से 334 ऐसे संक्रमित मरीज थे, जिनमें इस वायरस का कोई लक्षण नहीं था। दुनिया भर में इस वायरस से संक्रमित ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें ये वायरस लक्षण पैदा होने से कुछ दिन पहले ही पहुंच चुका था।

ये है साइलेंट कैरियर का लक्षण

कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक जो लक्षण आपने सुने, देखे या पढ़ें हैं, उनमें बताया जा रहा है कि इससे पीड़ित होने पर सर्जी-जुकाम व बुखार की दिक्कत होती है। वायरस की वजह से मरीजों को सांस लेने में भी दिक्कत आती है। ये वो लक्षण हैं, जो सामने आ जाते हैं। लेकिन साइलेंट कैरियर में इनमें से कोई लक्षण नहीं दिखता है। विशेषज्ञों के अनुसार साइलेंट कैरियर को कुछ लक्षण से पहचाना जा सकता है। ब्रिटेन में इस वायरस से पीड़ित 100 से ज्यादा साइलेंट कैरियर ने बताया कि संक्रमण के बाद उनके सूंघने और स्वाद की क्षमता लगभग खत्म हो गई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक साइलेंट कैरियर में ये लक्षण बेहद अहम साबित हो सकते हैं। लिहाजि इन लक्षणों को कोरोना वायरस के आधिकारिक लक्षणों में शामिल कर लोगों को इनके प्रति जागरूक किया जाना चाहिये।

40 से कम वाले हैं साइलेंट कैरियर

सबसे गंभीर बात ये है कि इन साइलेंट कैरियर की आयु 40 वर्ष से कम है। ये वो लोग हैं जिनमें कोरोना वायरस के कॉमन लक्षण जैसे कफ और बुखार नहीं था। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित युवा लोग जिनमें इसका कोई लक्षण नहीं है, महामारी फैलाने के लिहाज से सबसे बड़ा खतरा हैं। क्योंकि इन्हें इसका अंदाजा भी नहीं है कि वह इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और घूम-घूमकर अनजाने में इसे फैला रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार कोरोना वायरस के साइलेंट कैरियर में स्वाद और सुगंध का प्रभावित होना एक महत्वपूरण लक्षण हो सकता है। ENT UK के प्रोफेसर निर्मल कुमार के मुताबिक अगर आपको स्वाद और सुगंध क्षमता प्रभावित लगती है तो आपको सेल्फ इसोलेशन (Self-Isolation) में चले जाना चाहिए। प्रोफेसर निर्मल कुमार के मुताबिक वह दुनिया भर के ऐसे 80 से 100 मरीजों को जानते हैं, जिनमें इस तरह के लक्षणों की शुरूआत हुई और उसके 24 घंटे के भीतर वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए।


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