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ज्यादा संक्रमण वाले जिलों में प्राथमिकता से लगेगा कोरोना का टीका, टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर रहेगा और जोर

कैबिनेट सचिव का कहना था कि पिछले एक साल की मेहनत के बाद कोरोना संक्रमण पर लगे लगाम को यूं ही जाया नहीं होने दिया जा सकता है। उनका कहना था कि प्राथमिकता वाले समूहों में फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण का अभियान अभी चल रहा है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 11:07 PM (IST)
कैबिनेट सचिव ने आठ राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ की हालात की समीक्षा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जिन जिलों में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, वहां प्राथमिकता के आधार पर टीके लगाए जाएंगे। केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आठ राज्यों में कोरोना संक्रमण के हालात की समीक्षा के दौरान इसके निर्देश दिए। इन आठ राज्यों में पिछले 15 दिनों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कैबिनेट सचिव ने महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बंगाल, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिवों के साथ बैठक की। इस दौरान संक्रमण रोकने के लिए गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश को कड़ाई से लागू करने और टेस्टिंग बढ़ाकर संक्रमित मरीजों और उनके संपर्को की पहचान कर उन्हें आइसोलेशन में रखने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा।

एक मार्च से बुजुर्गों को होगा टीकाकरण

कैबिनेट सचिव का कहना था कि पिछले एक साल की मेहनत के बाद कोरोना संक्रमण पर लगे लगाम को यूं ही जाया नहीं होने दिया जा सकता है। उनका कहना था कि प्राथमिकता वाले समूहों में फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण का अभियान अभी चल रहा है। एक मार्च से 60 से अधिक और 45 से 60 से बीच गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों का टीकाकरण शुरू होने जा रहा है। उन्होंने राज्यों को ज्यादा संक्रमण वाले जिलों में इन समूहों में अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए विशेष प्रयास करने का निर्देश दिया।

एंटीजन टेस्ट के बजाय आरटी-पीसीआर टेस्ट अधिक करने पर जोर

राजीव गौबा ने राज्यों को जिला स्तर पर कड़ी निगरानी रखने को कहा। उनका कहना था कि जिन जिलों में टे¨स्टग कम हो रही है, वहां इसकी रफ्तार बढ़नी चाहिए और एंटीजन टेस्ट के बजाय आरटी-पीसीआर टेस्ट अधिक होने चाहिए। उन्होंने राज्यों को कोरोना के नए स्वरूप से संक्रमित व्यक्ति की पहचान और निगरानी पर विशेष ध्यान देने को कहा।

राज्यों की ओर से मुख्य सचिवों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सभी राज्यों ने कोरोना संक्रमण की स्थिति और उन्हें रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उनका कहना था कि जिन जिलों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां सर्विलांस की नई रणनीति के साथ काम शुरू किया गया है। कोरोना गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए भारी जुर्माने का प्रविधान किया गया है। इसके साथ ही नाइट कफ्र्यू और स्थानीय लॉकडाउन जैसे कदम भी उठाए जा रहे हैं।


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