Move to Jagran APP

पूरे देश को नहीं लगेगी वैक्सीन! स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस पर दी ताजा जानकारी

पंजाब राजस्थान और हरियाणा में एक बार दोबारा कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क जरूर लगाएं। साथ ही दूरी का ख्याल रखें और बार-बार हाथ धोएं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 04:40 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 05:35 PM (IST)
पूरे देश को नहीं लगेगी वैक्सीन! स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस पर दी ताजा जानकारी
पंजाब, राजस्थान, हरियाणा में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले: स्वास्थ्य मंत्रालय।

नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ जानकारी साझा की है। इनमें सबसे बड़ी बात यह कही गई कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में एक बार दोबारा कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क जरूर लगाएं। साथ ही दूरी का ख्याल रखें और बार-बार हाथ धोएं। वहीं, वैक्सीन को लेकर भी अहम जानकारी साझा की गई है।

prime article banner

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि नवंबर में कोविड -19 संक्रमण के बाद ठीक होने की संख्या औसत मामलों से अधिक थी। देश में कोविड -19 की स्थिति पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, औसतन 43,152 कोविड -19 मामले थे जो नवंबर में हर दिन रिपोर्ट किए गए थे। इसकी तुलना में, हर रोज ठीक होने वालों की संख्या 47,159 थी।

इसके अलावा बताया गया कि भारत में अब तक 14 करोड़ से अधिक कोविड -19 टेस्ट किए गए हैं और राष्ट्रीय सकारात्मकता दर 6.69 फीसद है। भूषण ने कहा कि देश में 11 नवंबर को पॉजिटिविटी रेट 7.15% था और 1 दिसंबर को ये 6.69% हो गया है।

उन्होंने कहा कि आज भी विश्व के बड़े देशों में भारत में प्रति दस लाख लोगों पर मामले सबसे कम हैं। अनेक ऐसे देश हैं जहां पर भारत से प्रति दस लाख लोगों पर आठ गुना तक ज़्यादा मामले हैं। हमारी मृत्यु प्रति मिलियन दुनिया में सबसे कम है।

अगर कोई क्लीनिकल ट्रायल में शामिल होता चाहता है तो...

भूषण ने बताया, 'जब क्लीनिकल ट्रायल शुरू होते हैं तो लोगों की सहमति से फॉर्म साइन कराया जाता है। यही प्रक्रिया दुनियाभर में है। अगर कोई ट्रायल में शामिल होने का फैसला लेता है तो इस फॉर्म में ट्रायल के संभावित उल्टे प्रभाव के बारे में बताया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि दवाई या वैक्सीन का बुरा प्रभाव पड़ता है। यह रेग्युलेटर की जिम्मेदारी है कि डेटा जुटा कर पता लगाए कि क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है?

उन्होंने आगे कहा कि क्लीनिकल ट्रायल बहु केंद्रित और अनेक जगहों पर होती हैं। हर साइट पर एक इंस्टिट्यूशन इथिक्स कमिटी होती है, जो कि सरकार या मैन्युफैक्चरर से स्वतंत्र होती है। किसी बुरे प्रभाव के बाद यह कमिटी उसका संज्ञान लेती है और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को रिपोर्ट भेजती है।

वैक्सीन पर किया साफ!

स्वास्थ्य सचिव ने यह बात साफ की कि कभी भी सरकार द्वारा पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही गई है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि ऐसे वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन कितना प्रभावकारी है यह वैक्सीन पर निर्भर करेगा। हमारा उद्देश्य कोरोना ट्रांसमिशन चेन को तोड़ना है। अगर हम खतरे वाले लोगों को टीका लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में सफल रहे तो हमें शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़े।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.