परंपरा के विपरीत लोकसभा के बजाय राज्यसभा में पहले शुरूहुई आम बजट पर बहस
संसद के दोनों सदनों में बुधवार को आम बजट पर चर्चा शुरू हो गई। हालांकि आम बजट पर चर्चा की शुरुआत लोकसभा के बजाय राज्यसभा में हुई। वैसे संसदीय परंपराओं के अनुसार बजट पर बहस लोकसभा से शुरू होती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में बुधवार को आम बजट पर चर्चा शुरू हो गई। हालांकि आम बजट पर चर्चा की शुरुआत लोकसभा के बजाय राज्यसभा में हुई। वैसे संसदीय परंपराओं के अनुसार बजट पर बहस लोकसभा से शुरू होती है, लेकिन संसदीय इतिहास में यह छठा मौका है जब लोकसभा से पहले राज्यसभा में आम बजट पर चर्चा की शुरुआत करनी पड़ी है।
किसान आंदोलन का मुद्दा संसद के बजट सत्र में छाया रहा
कृषि सुधार कानूनों को लेकर पिछले दो महीने से अधिक समय से चल रहे आंदोलन का मुद्दा संसद के बजट सत्र में छाया रहा। बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का विपक्ष ने बहिष्कार किया। अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा को लेकर गतिरोध बना रहा, जिससे एक सप्ताह तक सदन नहीं चला। जबकि राज्यसभा में एक दिन के स्थगन के बाद कामकाज सुचारु रूप से हुआ। इसके चलते यहां आम बजट पर चर्चा पहले शुरू करानी पड़ी।
यह छठा मौका है जब परंपरा के विपरीत राज्यसभा में पहले शुरू हुई चर्चा
इसके पहले भी पांच बार राज्यसभा में बजट पर चर्चा करानी पड़ी थी। पहली बार 1955, दूसरी बार 1959, तीसरी बार 1963, चौथी बार 1965 और पांचवीं बार वर्ष 2002 में राज्य सभा में पहले चर्चा कराई गई। वर्ष 2021 में यही प्रक्रिया दोहरानी पड़ी।
कपिल सिब्बल ने चुनावी राज्यों के लिए विशेष प्रविधान का लगाया आरोप
राज्यसभा में कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने चर्चा की शुरुआत करते हुए बजट को वोट बैंक पालिटिक्स करार दिया। चुनावी राज्यों के लिए विशेष प्रविधान करने का आरोप लगाते हुए सिब्बल ने कहा कि सरकार बजट के बाहर नोट बैंक पालिटिक्स करती है। उन्होंने कहा कि कौन नहीं चाहता कि देश आत्मनिर्भर बने, लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या देश का किसान, दलित वर्ग और देश का एमएसएमई सेक्टर आत्मनिर्भर है।
सिब्बल का क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप, कहा- देश की अधिकतर संपत्ति दो चार बिग ब्वाय के पास
सरकार पर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाते हुए सिब्बल ने कहा कि देश में दो चार बिग ब्वाय हैं, जिनके पास देश की अधिकतर संपत्ति है। उधर, लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। उसके बाद सदन में आम बजट पर चर्चा शुरुआत कांग्रेस के शशि थरूर ने की।
सुशील मोदी ने कहा- यह बजट गरीबों को समर्पित है
सरकार की ओर से बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हए सुशील मोदी ने इसे गरीबों को समर्पित बजट बताया। राज्यसभा पहली बार पहुंचे सुशील मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंग्रेजी नाम के अक्षरों से बजट को परिभाषित किया। कोरोना काल में सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे संक्रमण को रोकने में मदद मिली है। बजट का स्वागत उद्योग जगत और सेंसेक्स दोनों ने किया।
बजट में आम जनता पर कोई कर नहीं लगाया गया
उन्होंने सिब्बल के राजस्व में कमी आने के आरोप पर हैरानी जताते हुए कहा कि बजट में आम जनता पर कोई कर नहीं लगाया गया है। सरकार ने बजट में कृषि उपकर लगाया है, जिससे कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। कृषि मंडियों को मजबूत बनाने पर जोर है। आम बजट पर चर्चा से पूर्व पोर्ट विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित करा दिया गया।
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