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कांग्रेस ने कसा तंज, भाजपा का नारा बेटी बचाओ का है या बेटी छिपाओ का

कपिल सिब्बल ने भाजपा शासित राज्यों को बताया दुष्कर्म में अव्वल, पीएम को बैंक घोटाले और दुष्कर्म की घटनाओं पर उपवास करने की दी सलाह।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Thu, 12 Apr 2018 09:26 PM (IST)Updated: Thu, 12 Apr 2018 09:26 PM (IST)
कांग्रेस ने कसा तंज, भाजपा का नारा बेटी बचाओ का है या बेटी छिपाओ का
कांग्रेस ने कसा तंज, भाजपा का नारा बेटी बचाओ का है या बेटी छिपाओ का
 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा और पूछा कि उनका नारा बेटी बचाओ का है या बेटी छिपाओ का? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि मौजूदा समय में सरकार का 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' का नारा एक धमकी की तरह लग रहा है। यह इसलिए है क्योंकि भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार और दुष्कर्म की घटनाएं तेजी से बढ़ीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी को इस पर भी उपवास करना चाहिए और अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
कांग्रेस नेता सिब्बल ने सरकार के उपवास पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री और सरकार को उपवास करना है, तो पीएनबी बैंक घोटाले, एसएसटी घोटाले और सीबीएसई पेपर लीक, राफेल सौदे, कालाधन वापस नहीं आने जैसे मुद्दों को लेकर उपवास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री के लिए यह चुप रहने का समय नहीं है। उन्हें महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध और दुष्कर्म की घटनाओं पर बोलना चाहिए।
 
उन्होंने बताया कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक दुष्कर्म की सबसे अधिक 4882 वारदातें मध्य प्रदेश में हुई हैं। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है, जहां 4816 घटनाएं हुई, जबकि तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां दुष्कर्म की 4189 वारदातें दर्ज हुई हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी भाजपा शासित राज्य अव्वल हैं। कांग्रेस नेता ने इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधा और कहा कि वह आरोपियों को बचाने का काम कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने कर्नाटक में कांग्रेस पर सदन नहीं चलने का आरोप लगाया है। लेकिन वह नीरव मोदी जैसे लोग देश का जो पैसा लेकर भाग गए हैं, उसकी फिक्र नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के बीच बढ़े टकराव को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि कोर्ट की स्वायत्तता यदि चली जाएगी, तो यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा होगा।

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