लोकसभा चुनाव के वोट फीसद में भी कांग्रेस रही फिसड्डी, लोजपा टॉप पर, पढ़िए कैसे
लोकसभा चुनाव में वोट फीसद के आंकड़े सामने आ गए हैं इसमें ये देखा गया है कि कांग्रेस को सबसे कम और लोजपा को सबसे अधिक वोट फीसद हासिल हुआ है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लोकसभा 2019 का चुनाव खत्म हो जाने के बाद सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के पदाधिकारी अपनी हारजीत के गणित का आंकलन करने में जुटे हुए है। अब एक आंकड़ा ये निकाला गया है कि प्रमुख राजनीतिक दलों को सीट के हिसाब कुल कितना फीसद वोट हासिल हुआ है। यदि इस हिसाब से 10 प्रमुख राजनीतिक दलों के वोट फीसद का तुलनात्मक अध्ययन करें तो टॉप टेन में सबसे निचले स्तर पर कांग्रेस का नाम आ रहा है। टॉप पर लोजपा है।
अब सभी राजनीतिक दल उन आंकड़ों को इक्टठा करके उसका आंकलन कर रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में 10 बड़ी पार्टियों ने अलग-अलग प्रदेशों में अपने पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा। यूपी में तो सपा-बसपा का गठबंधन हुआ जिससे वो चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीत सकें मगर उनका ये गठबंधन किसी तरह से काम नहीं आया, उनको उम्मीद से भी कम सीटें मिलीं। सपा तो अपनी कई परंपरागत सीट भी हार गई। इसमें पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की सीट भी शामिल रही। सबसे बड़ा उलटफेर तो अमेठी में देखने को मिला, यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद की सीट नहीं बचा पाए। वो स्मृति इरानी से अपने परिवार की ये सीट हार गए।
इस पूरे चुनाव में एक बात जो सबसे अधिक चौंकाने वाली रही, यदि उसको देखें तो सिर्फ एक राजनीतिक दल लोजपा ने अपने जितने प्रत्याशी खड़े किए थे उन सभी को जीत मिली, इस हिसाब से उनका जीत का फीसद 100 रहा। इसके बाद डीएमके का नंबर रहा। इस पार्टी ने चुनाव में 24 प्रत्याशी खड़े किए थे उनमें से 23 जीत गए, इस हिसाब से देखा जाए तो डीएमके को 95.83 फीसदी वोट मिला। उसके बाद जदयू को 94.11 फीसद वोट मिले, पार्टी ने 17 प्रत्याशी खड़े किए थे जिसमें से 16 जीत गए। वाईएसआरसीपी ने 25 प्रत्याशी खड़े किए थे जिसमें से 22 जीत गए इनको 88 फीसद वोट मिला। शिवसेना ने 23 प्रत्याशी खड़े किए थे जिसमें से 18 जीत गए, इनका वोट फीसद 78.26 रहा। उसके बाद भाजपा का नंबर आता है। भाजपा ने सबसे अधिक 437 प्रत्याशी खड़े किए थे, जिसमें से 303 जीत गए। भाजपा का वोट फीसद 69 रहा। बीजद ने 21 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जिसमें से 12 ही जीत दर्ज कर पाए, उनका वोट फीसद 57.14 रहा। टीएमसी ने कुल 42 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जिसमें से 22 जीतकर संसद पहुंच गए, इस पार्टी का वोट फीसद 52.38 रहा। एनसीपी ने चुनाव में 19 प्रत्याशी उतारे थे जिसमें से मात्र 5 ही जीत सके, इस तरह से इनका वोट फीसद 26.3 रहा। सबसे निचले स्तर पर कांग्रेस रही। कांग्रेस ने कुल 424 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे जिसमें से वो मात्र 52 सीटें ही जीत सके। इस तरह से उनका वोट फीसद सबसे कम मात्र 12.26 रहा।
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