कश्मीर में स्वाइन फ्लू के आंकड़ों पर असमंजस, स्वास्थ्य विभाग एक भी मामले से कर रहा इन्कार
शेर-ए-कश्मीर संस्थान के अनुसार इस सीजन में 80 मामले सामने आए हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग एक भी मामले से इन्कार कर रहा है।
रजिया नूर, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में स्वाइन फ्लू के मामलों पर स्वास्थ्य विभाग और शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (शौरा) के विरोधाभासी आंकड़ों से असमंजस बढ़ गया है। शौरा के अनुसार इस सीजन में 80 मरीज स्वाइन फ्लू से पॉजिटिव मिले हैं और 16 अभी संस्थान में उपचाराधीन हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग एक भी मरीज के सामने आने से इन्कार कर रहा है। हाल ही में मीडिया में वादी में स्वाइन फ्लू के कई मामले सामने आने की सूचना से हड़कंप मच गया था।
यहां बता दें कि अतीत में स्वाइन फ्लू कश्मीर में दहशत का कारण बनता रहा है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग और सभी अस्पतालों को पहले से ही अलर्ट पर रखा गया है।शौरा के चिकित्सकों का कहना है कि पिछले वर्षो की तुलना में इस वर्ष न केवल संदिग्धों की संख्या में कमी आई है और अभी तक किसी की नहीं हुई है। संस्थान के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. फारूक अहमद जान ने कहा कि सितंबर 2019 तक अस्पताल में 2600 संदिग्धों के नमूनों की जांच की गई थी लेकिन उसके बाद मामले में कमी आई है।
सितंबर 2019 से लेकर अब तक 1200 संदिग्धों के नमूनों की जांच की गई है। इनमें से 310 को इनफ्लुएंजा बी(माइल्ड फ्लू) से ग्रस्त पाया गया जबकि 80 संदिग्धों को एच1 एन1 से ग्रस्त पाया गया। उन्होंने बताया कि बीमारी की चपेट में आए 80 मरीजों कों अस्पताल में स्थित विशेष वार्ड में भर्ती कर उपचार किया गया। 64 रोगियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और 16 अन्य मरीजों का उपचार चल रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग अपनी पीठ थपथपाते हुए कहता है कि इस वर्ष एक भी नया मरीज नहीं आया है। कुछ संदिग्ध अवश्य आए थे।
चिकित्सा केंद्रों में वैक्सीन उपलब्ध है और जल्द एच1एन1 वायरस की जांच के लिए हाईटेक लैब भी शुरू हो जाएगी। इंटग्रेटिड डिजीज सर्वेलेंस प्रोग्राम (आइडीएसपी) के राज्य सर्वेलेंस अधिकारी डा. कादरी ने कहा कि हो सकता है कि निजी तौर पर लोग कुछ अस्पतालों में फ्लू का इलाज कराने गए हों लेकिन विभाग के पास ऐसा कोई भी मामला अभी तक दर्ज नहीं हुआ है।