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एक बार फिर निरस्त हुई कंप्यूटर बाबा की जमानत, अवैध कब्‍जा कर आश्रम बनाने का है आरोप

Computer Baba Indore अवैध कब्‍जा कर शासकीय भूमि पर आश्रम बनाने के आरोप में गिरफ्तार नामदेव दास त्‍यागी उर्फ कंप्‍यूटर बाबा की जमानत एक बार फिर एसडीएम कोर्ट ने निरस्‍त कर दी है अभी उन्‍हें इंदौर सेंट्रल जेल में ही दिन काटने होंगे।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 02:49 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 02:49 PM (IST)
एक बार फिर निरस्त हुई कंप्यूटर बाबा की जमानत, अवैध कब्‍जा कर आश्रम बनाने का है आरोप
अवैध कब्‍जा मामले में गिरफ्तार कंप्‍यूटर बाबा की जमानत एक बार फिर खारिज

इंदौर (जेएनएन)। मध्य प्रदेश के इंदौर में अवैध कब्जे मामले में नामदेव दास त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ जमानत एसडीएम राजेश राठौर की कोर्ट ने बुधवार को एक बार फिर निरस्त कर दी। जमानत निरस्त करने का एक कारण यह भी है कि आवेदन के साथ सक्षम जमानत राशि (5 लाख स्र्पये) जमा नहीं की गई थी। इसके बाद प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लिए गए कंप्‍यूटर बाबा को अभी इंदौर सेंट्रल जेल में ही दिन काटने होंगे।

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बता दें कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा 8 नंवबर को कंप्यूटर बाबा के अवैध तौर पर निर्मित आश्रम को ध्वस्त कर दिया गया। दरअसल, इन आश्रमों का निर्माण शहर के बाहरी इलाके में कथित तौर पर चारागाह भूमि का अतिक्रमण कर किया गया था। अगले दिन बाबा के समर्थकों को तो जमानत मिल गई, लेकिन बाबा की जमानत निरस्त कर दी गई। बुधवार को बाबा की ओर से उनके वकील ने एक बार फिर जमानत के लिए आवेदन दिया, लेकिन एसडीएम कोर्ट ने फिर आवेदन निरस्त कर दिया।

मामले में कंप्यूटर बाबा और छह अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। साथ ही आश्रम से कई हथियार जैसे एक राइफल, एक एयरगन और एक कृपाण बरामद किए गए थे और तो और पुलिस को इस दौरान बेनामी संपत्ति के कागजात भी मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में शिवराज सरकार के खिलाफ लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकालने वाले कंप्‍यूटर बाबा जम्बूड़ी के खिलाफ जुबूड़ी हप्सी में शासकीय भूमि पर आश्रम और अन्य पक्के निर्माण कर अवैध कब्जा करने का मामला है।

उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर को एयरपोर्ट रोड पर अंबिकापुरी एक्सटेंशन में बाबा के कब्जे वाले देवी मंदिर परिसर को भी मुक्त कराया गया और मंदिर का संचालन रहवासी संघ को सौंप दिया गया। प्रशासन ने सुपर कॉरिडोर पर वन विभाग की जमीन से भी बाबा के एक समर्थक का अवैध कब्जा हटाया था। यह जमीन सुपर कॉरिडोर के सर्विस रोड से लगी है और आइडीए की योजना में शामिल है। आइडीए ने पहले भी यहां से अवैध कब्जा हटाने की कोशिश की थी, लेकिन कंप्यूटर बाबा के विरोध के कारण नहीं हटाया जा सका था।


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