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National Lockdown In India: देशभर में लाकडाउन की मांग, सरकार पर बढ़ने लगा दबाव; यहां देखें अपडेट

National Lockdown In India दिल्ली सहित देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति और दम तोड़ती चिकित्सा व्यवस्था के चलते देशभर के लोग राष्ट्रीय स्तर पर लाकडाउन लागू करने की वकालत करने लगे हैं। यहां देखें अपडेट...

By Shashank PandeyEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 09:27 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 11:26 AM (IST)
National Lockdown In India: देशभर में लाकडाउन की मांग, सरकार पर बढ़ने लगा दबाव; यहां देखें अपडेट
देशभर में लाकडाउन की मांग, सरकार पर बढ़ने लगा दबाव। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एजेंसियां। National Lockdown In India, देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेकाबू रफ्तार से चल रही है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के साढ़े तीन लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। ये आंकड़ा करीब 50 देशों में एक दिन में मिले मामलों से भी ज्यादा है। दूसरी लहर में तेजी से फैल रहे संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए देशभर में लॉकडाउन की मांग की जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर पर जल्द से जल्द नियंत्रण के लिए एक बार फिर से संपूर्ण लाकडाउन लगाने की जरूरत पर बहस छिड़ गई है। आइए जानते हैं देशभर में लाकडाउन की मांग को लेकर किसने क्या-क्या कहा है। यहां देखें अपडेट

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उद्योग जगत ने की कंपलीट लाकडाउन की मांग

लाकडाउन से अर्थव्यवस्था किस तरह चरमराती है यह देश देख चुका है, लेकिन इस बार उद्योग जगत की तरफ से ही इसकी मांग की जाने लगी है। देश के सबसे बड़े उद्योग चैंबर सीआइआइ ने भी सरकार से आग्रह किया है कि वह देश में आम लोगों के कष्ट को कम करने के लिए व्यापक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को सीमित करने का कदम उठाए। देश के छोटे व्यापारियों व खुदरा कारोबारियों का संगठन सीएआइटी पहले से ही लाकडाउन का समर्थन कर चुका है।

'कोरोना से निपटने को देशभर में लगे लाकडाउन'

कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपनी तरफ से कराए एक सर्वे में दावा किया है कि 67.5 फीसद लोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर उसी तरह लाकडाउन लगाने की वकालत की है, जैसा पिछले वर्ष लगा था। लोगों का मानना है कि इसके बिना कोरोना को नहीं रोका जा सकेगा। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि सर्वे में दिल्ली और देश के 9,117 लोगों ने अपनी राय जाहिर की है। 78.2 फीसद लोगों ने कहा है कि कोरोना देश में बेकाबू हो गया है। 67.5 फीसद लोगों ने देश भर में एक साथ लाकडाउन लगाने की वकालत की है। 

73.7 फीसद लोगों ने माना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी से निपटने में सक्षम हैं, वहीं 82.6 फीसद लोगों ने किसी एक केंद्रीय मंत्री को दिल्ली का प्रभारी मंत्री मनोनीत कर कोरोना से निपटने का सुझाव दिया खंडेलवाल ने कहा कि देश भर में कोरोना से रोजाना चार लाख से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं और इस अनुपात में चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, जिसको तुरंत चुस्त-दुरुस्त करना जरूरी है। ऐसे में अब राष्ट्रीय लाकडाउन ही एकमात्र विकल्प है, जिससे कोरोना महामारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। 

'फुल लाकडाउन' एकमात्र रास्ता- राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका फुल लाकडाउन है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने सरकार से कम आय वाले लोगों के लिए योजना के तहत आर्थिक सहयोग की भी बात उठाई है।

सरकार पर बढ़ रहा दबाव !

पिछली बार जब कोरोना वायरस ने देश में तेजी से पैर फैलाने शुरू किए थे तो सरकार की तरफ से लाकडाउन के फैसले की कड़ी आलोचना हुई थी। लेकिन इस बार बाहर से ही सरकार पर दबाव बढ़ाया जाने लगा है। इससे सरकार पर लाकडाउन पर विचार करने का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि, पीएम मोदी से लेकर सरकार की ओर से सभी राज्यों से लाकडाउन से बचने की सलाह दी गई है। 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया लाकडाउन लगाने का सुझाव

रविवार रात जारी एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह जनहित को ध्यान में रखते हुए लाकडाउन के विकल्प पर विचार करे ताकि कोरोना वायरस के विस्तार को रोका जा सके। कोरोना मामले पर सरकार की तैयारियों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम केंद्र व राज्य सरकारों से गंभीरता से आग्रह करते हैं कि वे किसी भी तरह की भीड़ एकत्रित होने या सुपर स्प्रेडर समारोहों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करें। वे आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए वायरस की दूसरी लहर के विस्तार पर रोक लगाने के लिए लाकडाउन पर भी विचार कर सकते हैं। जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह का सुझाव देकर सरकार के लिए लाकडाउन पर फैसला करने का रास्ता आसान कर दिया है। 

क्या सरकार लेगी बड़ा फैसला !

वैसे केंद्र सरकार का अभी तक लाकडाउन करने का विचार नहीं है। पिछले महीने के शुरुआत में जब कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश को तेजी से चपेट में ले रही थी तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भी कहा था कि लाकडाउन अंतिम विकल्प होना चाहिए। 


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