सीसीआइ ने कोल इंडिया पर लगाया 591 करोड़ का जुर्माना
आयोग ने कंपनी को प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार को रोकने के निर्देश देते हुए समझौतों में बदलाव करने के आदेश दिए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया पर 591 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। ईधन आपूर्ति समझौतों (एफएसए) में भेदभाव करने वाली शर्तो को रखने के कारण आयोग ने यह कार्रवाई की है।
आयोग ने कंपनी को प्रतिस्पर्धा विरोधी व्यवहार को रोकने के निर्देश देते हुए समझौतों में बदलाव करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश 56 पेज में दिया गया है। इसमें सीसीआइ ने पाया है कि कंपनी बिजली उत्पादकों को नॉन-कोकिंग कोल की आपूर्ति के मामले में अनुचित व भेदभावपूर्ण शर्ते थोपकर प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन कर रही है।
आयोग ने यह भी कहा है कि कोल इंडिया ने एफएसए के नियमों और शर्तो को न तो विकसित किया है न ही अंतिम रूप दिया है। इन्हें एकतरफा खरीदारों पर थोप दिया जाता है। पेनाल्टी की 591.01 करोड़ रुपये की राशि 2009-10 से 2011-12 तक की तीन साल की अवधि के कोल इंडिया के औसत टर्नओवर के एक फीसद के बराबर है।
यह शिकायतों पर सीसीआइ की ओर से दूसरा आदेश है। पहला आदेश उसने दिसंबर, 2013 में दिया था। तब सीसीआइ ने कोल इंडिया पर 1,773 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसे प्रतिस्पर्धा अपीलीय ट्रिब्यूनल (कॉम्पैट) ने पलट दिया था। साथ ही प्रतिस्पर्धा नियामक से आरोपों की फिर से जांच करने को कहा था। मामले को दोबारा देखने के बाद सीसीआइ ने सार्वजनिक कंपनी पर पेनाल्टी की राशि घटाकर 591 करोड़ रुपये की है।
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