समिति ने की लड़कियों की शादी योग्य उम्र बढ़ाने की सिफारिश, जल्द होगा फैसला
लड़कियों की शादी योग्य उम्र का मूल्यांकन करने के लिए नियुक्त समिति ने अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री कार्यालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेज दी हैं। सूत्रों के मुताबिक समिति ने लड़कियों की शादी योग्य उम्र बढ़ाने की काफी मजबूती से सिफारिश की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। लड़कियों की शादी योग्य उम्र का मूल्यांकन करने के लिए नियुक्त समिति ने अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री कार्यालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेज दी हैं। सूत्रों के मुताबिक समिति ने लड़कियों की शादी योग्य उम्र बढ़ाने की काफी मजबूती से सिफारिश की है। एक अधिकारी के मुताबिक, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समिति द्वारा की गई सिफारिशों पर विचार कर रहा है।
याद दिला दें कि 74वें स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम उम्र क्या होनी चाहिए। प्रधानमंत्री का कहना था, 'हमने अपनी बेटियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु पर विचार करने के लिए एक समिति गठित की है। समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के बाद हम उचित फैसला करेंगे।' बता दें कि वर्तमान में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है।
केंद्र सरकार का मानना है कि कम आयु में विवाह बेटियों के आत्मसम्मान पर अप्रत्यक्ष रूप से आघात पहुंचाता है। कई अध्ययन में यह बात सामने आई हैं कि किशोर आयु में ब्याही गई लड़कियां दुर्व्यवहार और घरेलू हिंसा की शिकार उन लड़कियों की अपेक्षाकृत कहीं अधिक होती हैं, जिनका विवाह देर से होता है और जो अधिक शिक्षित होती हैं। जल्द विवाह बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता, दोनों को ही बाधित करता है। कम आयु में विवाह और मां बनने पर लड़कियों के जीवन का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है।
विभिन्न संगठन यह सुझाव दे रहे हैं कि मां बनने के लिए महिला का कम से कम 20 साल का होना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन के मुताबिक, दुनिया भर में एक बड़ी संख्या में 15 से 19 साल की लड़कियों की मौत गर्भावस्था में होने वाली जटिल स्थितियों के कारण होती है।