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रेलवे संरक्षा आयुक्त ने कहा, एनआइए ने अब तक नहीं दी पुखरायां ट्रेन हादसे पर रिपोर्ट

सीआरएस का कहना है कि एनआइए तोड़फोड़ के एंगिल से इस दुर्घटना की जांच कर रही है लेकिन न तो इस जांच एजेंसी ने और न ही रेलवे बोर्ड ने एनआइए की जांच निष्कर्षो के संबंध में कोई रिपोर्ट दाखिल की है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 08:27 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 08:27 PM (IST)
रेलवे संरक्षा आयुक्त ने कहा, एनआइए ने अब तक नहीं दी पुखरायां ट्रेन हादसे पर रिपोर्ट
पुखरायां के नजदीक 20 नवंबर, 2016 को इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।

नई दिल्ली, प्रेट्र। उत्तर प्रदेश में झांसी-कानपुर मार्ग पर पुखरायां के नजदीक 20 नवंबर, 2016 को हुई इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस (19321 डाउन) ट्रेन दुर्घटना के करीब चार साल बाद भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपनी रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। रेलवे संरक्षा आयुक्त (CRS) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तोड़फोड़ को खारिज करने संबंधी एनआइए की रिपोर्ट के बिना उनके लिए दुर्घटना के कारण के किसी सटीक निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है। हादसे के पीछे आतंकियों का हाथ होने की संभावना जताए जाने के बाद यह मामला एनआइए के हवाले कर दिया गया था।

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सीआरएस कार्यालय एक स्वतंत्र संस्थागत तंत्र है जो रेलवे बोर्ड को नहीं, बल्कि नागरिक विमानन मंत्रालय को रिपोर्ट करता है। सीआरएस का कहना है कि एनआइए तोड़फोड़ के एंगिल से इस दुर्घटना की जांच कर रही है, लेकिन न तो इस जांच एजेंसी ने और न ही रेलवे बोर्ड ने एनआइए की जांच निष्कर्षो के संबंध में कोई रिपोर्ट दाखिल की है।

इसके बावजूद सीआरएस ने दुर्घटना के कई संभावित कारण गिनाए हैं। इसमें उसने रेल पटरी टूटी होने की संभावना को खुद ही यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि इस ट्रेन से पहले पिछले करीब एक घंटे में वहां से चार ट्रेनें गुजरी थीं, लेकिन इनमें से किसी ने भी असामान्य स्थिति, झटके या आवाज आने की रिपोर्ट नहीं दी थी।

इसमें लखनऊ स्थित अनुसंधान, विकास एवं मानक संगठन और जमशेदपुर स्थित राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि ट्रेन का एस-1 कोच बेहद खराब स्थिति में था। इसकी वजह से एस-2 और एस-3 कोचों को भी काफी नुकसान पहुंचा था। एस-1 और एस-2 कोच पटरी से उछलकर बी-3 कोच पर जा गिरे थे जिसके वजह से इन कोचों में काफी लोगों की जान गई थी। मालूम हो कि इस हादसे में 152 लोगों की मौत हुई थी।


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