देश में अच्छे मानसून की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है 'अल नीनो' तूफान
एनओएए के अनुमानकर्ताओं ने कहा कि भारत में जून से अगस्त के बीच अल नीनो आने की 60 फीसद संभावना है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत में 'अल नीनो' तूफान वापस लौट सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे अच्छे मानसून की उम्मीदें धराशायी हो सकती हैं। अमेरिका स्थित नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। अमेरिकी संस्था ने जून से अगस्त के बीच 'अल नीनो' की वापसी की संभावना जताई है।
एनओएए के अनुमानकर्ताओं ने कहा कि भारत में जून से अगस्त के बीच अल नीनो आने की 60 फीसद संभावना है। हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) इस बात पर कायम है कि मौसम की जो वर्तमान स्थिति है, वह कमजोर अल नीनो का संकेत देता है। अगले दो से तीन महीनों तक यही स्थिति रहने की उम्मीद है।
पुणे स्थित आइएमडी के वैज्ञानिक डीएस पई ने बताया कि पिछले साल के अंत में अल नीनो के शुरू होने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन यह गलत साबित हुई। उन्होंने बताया कि अप्रैल के मध्य और मई के अंत में हमारे पास अल नीनो को लेकर एक स्पष्ट तस्वीर होगी। तभी मानसून पर इसके प्रभाव के बारे में बात करना ठीक होगा।
दरअसल, इस साल की शुरुआत में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने कहा था कि फिलहाल अल नीनो आने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है और आगामी मानसून पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा करना जल्दबाजी होगी।
बता दें कि अल नीनो प्रशांत महासागर में बनने वाला एक जलवायु चक्र है, जिसका असर दुनिया भर के मौसम पर पड़ता है। यह चक्र तब शुरू होता है जब पश्चिमी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में गर्म पानी दक्षिणी अमेरिका के तट की ओर भूमध्य रेखा के साथ पूर्व की ओर बढ़ता है।