Combating COVID-19: कोरोना वायरस के लिए टेस्ट किट बनाएगी 'किलपेस्ट', ICMR ने दी मंजूरी
आईसीएमआर ने माय लैब के बाद कोविड-19 के परीक्षण के लिए टेस्ट किट बनाने की एक और भारतीय कंपनी को अनुमति दे दी है।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना वायरस से जूझ रहे भारत में टेस्ट किट बनाने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने गुरुवार को MyLAb के अलावा भोपाल की किलपेस्ट लैब को मंजूरी दी है। इसके तहत आईसीएमआर ने किलपेस्ट (ब्लैकबायो) कंपनी को आरटी-पीसीआर किट टीआरयूपीसीआर बनाने की सिफारिश की है।
बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च इससे पहले डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT), डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DST), काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंड्रस्टियल रिसर्च (CSIR) और डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (DAE) के तहत आने वाली प्रयोगशालाओं को कोरोना के परीक्षण की अनुमति दे चुकी है।
हालांकि, आईसीएमआर ने डीबीटी, डीएसटी, सीएसआईआर और डीएई प्रयोगशालाओं को सलाह दी है कि वे कोविड-19 का परीक्षण शुरू करने से पहले उसके दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। इसके अलावा, आईसीएमआर इन प्रयोगशालाओं को डायग्नोस्टिक किट प्रदान नहीं करेगी।
इससे पहले आईसीएमआर ने गुजरात की एक फर्म को परीक्षण किट के लिए मंजूरी दी थी, लेकिन गुजारात कि बड़ी डायग्नोस्टिक कंपनियों में से एक कोसारा कोरोना वायरस परीक्षण किट के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा स्थापित दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं कर पाया था।
एक किट में 100 टेस्ट
कंपनी के रिसर्च एवं डेवलपमेंट विभाग के प्रमुख डॉ. अखिलेश रावत ने बताया कि इस किट से ढाई घंटे के भीतर जांच हो जाएगी। उन्होंने बताया कि एक किट में 100 टेस्ट होंगे। एक टेस्ट का खर्च एक हजार रुपए से भी कम आएगा। हालांकि, कीमत अभी तय नहीं की गई है। उन्होंने दावा किया यह सबसे सस्ता किट है।
100 फीसदी नियमों का पालन
आईसीएमआर द्वारा जांच की कुछ पॉजिटिव व कुछ निगेटिव सैंपलों की जांच की। जांच के बाद दोनों तरह के सैंपलों की जांच में किट की क्वालिटी 100 फीसदी सही मिली है। उन्होंने बताया कि इसके पहले स्वाइन फ्लू की जांच के लिए किट कंपनी ने बनाई थी।