Video : कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास रिहा, गृह मंत्री शाह ने की बात, पत्नी बोलीं- मेरे जीवन में सबसे खुशी का दिन
बीजापुर हमले के दौरान अगवा किए गए कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। राकेश्वर सिंह मन्हास को सुरक्षित छुड़ाने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही थीं।
रायपुर, एजेंसियां/जेएनएन। बीजापुर हमले के दौरान अगवा किए गए कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। राकेश्वर सिंह मनहास को सुरक्षित छुड़ाने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही थीं। सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास का परिवार इस वाकए की जानकारी के बाद से गहरे सदमे में था।
Chhattisgarh: CoBRA jawan Rakeshwar Singh Manhas brought to CRPF camp, Bijapur after he was released by Naxals pic.twitter.com/L1FKSCtVnb
— ANI (@ANI) April 8, 2021
पत्नी बोलीं- मेरे जीवन में सबसे खुशी का दिन
कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाए जाने के बाद से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उनकी पत्नी मीनू मनहास ने कहा कि मैं ईश्वर का, केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मीडिया और सेना का धन्यवाद करती हूं। आज मेरी जिन्दगी में सबसे खुशी का दिन है। मीनू मनहास ने यह भी बताया कि उन्हें अधिकारियों से उनके पति की सुरक्षित वापसी की जानकारी मिली है। उनके पति का स्वास्थ्य ठीक है।
#WATCH "Today is the happiest day of my life. I always remained hopeful of his return," says Meenu, the wife of CRPF jawan Rakeshwar Singh Manhas, on the release of her husband by Naxals in Chhattisgarh, Manhas was kidnapped by Naxals during the Bijapur attack on April 3 pic.twitter.com/SqeQGRKGAb— ANI (@ANI) April 8, 2021
मां ने कहा- आज मैं बहुत ज्यादा खुश हूं
राकेश्वर सिंह मनहास की मां कुंती देवी ने कहा कि आज मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं उनका भी धन्यवाद करती हूं। भगवान का भी धन्यवाद करती हूं। जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था लेकिन यकीन नहीं हो पा रहा था।
शाह ने की राकेश्वर सिंह से बात
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाए जाने के बाद उनसे टेलीफोन पर बातचीत की। मालूम हो कि गृह मंत्री शाह बीते सोमवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित सीआरपीएफ (CRPF) कैंप पहुंचकर जवानों से मुलाकात की थी और उनका हौसला बढ़ाया था। शाह ने कहा था कि वीर जवानों के बलिदान को देश भुला नहीं सकता है। जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
भूपेश बघेल ने बताई रणनीतिक जीत
जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाए जाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह हमारी रणनीतिक जीत है। जिन अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई थी उन्होंने उसको सफलतापूर्वक निभाया है। राकेश्वर सिंह मनहास सुरक्षित लौटे हैं मुझे इस बात का संतोष है।
तुरंत शुरू कर दी थी छुड़ाने की कोशिशें
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों द्वारा छोड़े जाने के बाद बीजापुर लाया गया है। कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों द्वारा छोड़े जाने पर बीजापुर के SP ने कहा कि जैसे ही हमें पता चला कि हमारा एक जवान नक्सलियों के कब्जें में हैं... उसी वक्त हमने उन्हें छुड़ाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। अभी डॉक्टर राकेश्वर सिंह मन्हास की चिकित्सा जांच कर रहे हैं।
नक्सलियों ने रखी थी शर्त
मालूम हो कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तीन अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के लिए नक्सलियों ने शर्त रखी थी। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की ओर से जारी दो पेज के पर्चे में कहा गया था कि सरकार पहले मध्यस्थ नियुक्त करे तब कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई करेंगे। नक्सलियों ने जारी पर्चे में यह माना था कि इस मुठभेड़ में उनके कुछ साथी मारे गए हैं।
वीरगति को प्राप्त हुए थे 22 जवान
नक्सलियों ने पर्चे में दावा किया था कि सुरक्षा बलों के 14 हथियार और दो हजार कारतूस उनके पास हैं। नक्सलियों ने कहा था कि सरकार को बातचीत के लिए माहौल बनाना चाहिए। बता दें कि नक्सलियों के इस हमले में 22 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे जबकि एक जवान था। बाद में खबर आई थी कि लापता जवान कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास नक्सलियों की कैद में हैं।
गांधीवादी कार्यकर्ता धर्मपाल सैनी ने की मध्यस्थता
बताया जाता है कि सरकार की ओर से मध्यस्थता के लिए बस्तर के वयोवृद्ध गांधीवादी कार्यकर्ता धर्मपाल सैनी और गोंडवाना समाज के प्रमुख मुरैया तरेम कुछ स्थानीय लोगों के साथ जंगल गए थे। वहां बातचीत के बाद नक्सलियों की पामेड़ एरिया कमेटी ने गुरुवार को टेकलमेटा गांव के पास जंगल में निकट के 20 गांवों से आदिवासियों को बुलाकर जनअदालत लगाई। भारी भीड़ के बीच नक्सलियों ने जवान को मुठभेड़ के छठे दिन धर्मपाल सैनी के हवाले किया।