केरल सोना तस्करी की आरोपित स्वप्ना सुरेश के प्रभाव में था मुख्यमंत्री कार्यालय : एनआइए
स्वप्ना के रसूख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि तिरुअनंतपुरम स्थित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) महावाणिज्य दूतावास से इस्तीफा देने के बावजूद उसे वेतन मिलता रहा।
कोच्चि, एजेंसियां। केरल सोना तस्करी मामले की प्रमुख आरोपित स्वप्ना सुरेश की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गुरुवार को कहा कि उसका मुख्यमंत्री कार्यालय में अच्छा-खासा प्रभाव था। केंद्रीय एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि यह बात स्वप्ना ने खुद पूछताछ के दौरान बताई है। अदालत स्वप्ना की जमानत के संबंध में 10 अगस्त को फैसला सुनाएगी।
एनआइए ने कोर्ट को बताया कि स्वप्ना के रसूख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि तिरुअनंतपुरम स्थित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) महावाणिज्य दूतावास से इस्तीफा देने के बावजूद उसे वेतन मिलता रहा। सोना तस्करी की जांच में मिले साक्ष्यों को कोर्ट में पेश करते हुए एजेंसी ने कहा कि दूतावास से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वहां के करीब-करीब सभी काम में स्वप्ना का दखल रहता था। केंद्रीय एजेंसी ने अदालत को बताया कि स्वप्ना ने पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव व आइटी विभाग के पूर्व सचिव एम. शिवशंकर से करीबी रिश्ते होने की बात स्वीकार की है।
स्वप्ना की जमानत का कड़ा विरोध करते हुए एजेंसी ने कहा कि इस मामले की सघन जांच होनी चाहिए, क्योंकि पिछले साल नवंबर के बाद आरोपितों ने 100 करोड़ रुपये के सोने की तस्करी की है। स्वप्ना ने स्वीकार किया है कि उसने पीएस सारिथ, संदीप नैयर व केटी रमीस के साथ मिलकर सोना तस्करी का षड्यंत्र रचा था। वे जानते थे कि उनका यह अवैध काम देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है।
गौरतलब है कि सीमा शुल्क विभाग ने केरल के तिरुअनंतपुरम हवाईअड्डे पर पांच जुलाई को करीब 15 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की तस्करी का पर्दाफाश किया था। सोने की खेप तिरुअनंतपुरम स्थित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) महावाणिज्य दूतावास के एक राजनयिक के नाम पर एयर कार्गो के जरिये भेजी गई थी। तस्करी में स्वप्ना का नाम आने और उससे संबंध जाहिर होने पर वरिष्ठ आइएएस अधिकारी शिवशंकर को निलंबित किया जा चुका है।