विलय से कुछ ही कदम की दूरी पर AIADMK के दोनों गुट, पन्नीरसेल्वम बनेंगे उपमुख्यमंत्री!
अन्नाद्रमुक के दोनों धड़े अब विलय की तैयारी में जुट गए हैं। इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी।
चेन्नई (जेएनएन)। टीटीवी दिनाकरन के खिलाफ रणनीति बनाने के क्रम में मुख्यमंत्री पलानीस्वामी व पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम जल्द ही विलय कर लेंगे। इस बात की पुष्टि दोनों पक्ष के सूत्रों ने किया।
खबरों की मानें तो पलानीस्वामी मुख्यमंत्री बने रहेंगे, पन्नीरसेल्वम पार्टी के महासचिव व उप मुख्यमंत्री होंगे। पन्नीरसेल्वम के दो मंत्री माफोई पांडियाराजन और सेम्मामलई को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। इसके लिए पलानीस्वामी मौजूदा टीम से दो मंत्रियों को हटा सकते हैं।
सूत्र ने बताया कि इसके लिए आधिकारिक घोषणा अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पन्नीरसेल्वम की बात के बाद की जाएगी। बतौर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के शपथ ग्रहण समारोह के लिए गुरुवार रात को पन्नीरसेल्वम अपनी टीम के साथ दिल्ली जा रहे हैं। पन्नीरसेल्वम के साथ के पी मुनुसामी, मनोज पांडियान और नाथम विश्वनाथन होंगे। दिल्ली में मौजूद वी मैत्रेयन भी पीएम के साथ बातचीत के दौरान साथ होंगे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में पारित प्रस्ताव का कहना है कि शशिकला के डिप्टी के तौर पर दिनाकरन की नियुक्ति पार्टी के नियमों के खिलाफ है। दिनाकरन की हाल की नियुक्तियों से पार्टी के पदों पर केवल गलतफहमियां पैदा हुई। अन्नाद्रमुक (अम्मा) के प्रस्ताव के अनुसार, ‘पार्टी की महासचिव के तौर पर शशिकला की नियुक्ति केवल नये प्रमुख के चुनाव तक ही रहेगी।‘
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग के पास महासचिव के तौर पर वी के शशिकला की नियुक्ति पर विवाद के बाद पार्टी पदों के बारे में किसी भी फैसले के लिए इपीएस-ओपीएस को आयोग के आदेश का इंतजार करना होगा। यदि चुनाव आयोग शशिकला की नियुक्ति को हटा भी देता है तो एक अंतरिम व्यवस्था होगी। इसके तहत एक कमिटी पार्टी के विभाजित दोनों पक्षों के प्रतिनिधित्व के साथ होगा। यह कमिटी पार्टी के मामलों का प्रबंधन महासचिव पद के चुनाव तक करेगी। यदि चुनाव आयोग शशिकला के खिलाफ कोई आदेश देता है तो ओपीएस पार्टी कोषाध्यक्ष बने रहेंगे और ई मधुसूदन चेयरमैन हेांगे। सूत्रों ने बताया कि विलय को लेकर ओपीएस की तुलना में पलानीस्वामी कहीं अधिक इच्छुक हैं।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जे जयललिता के निधन के बाद से ही सत्ताधारी पार्टी में विवाद शुरू हो गया। जयललिता के जाने के बाद सीएम बनाए गए ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) को पार्टी महासचिव शशिकला ने हटा दिया और उनकी जगह ई पलानीस्वामी (ईपीएस) को मुख्यमंत्री की कुर्सी दे दी। शशिकला के इस कदम के बाद पन्नीरसेल्वम ने बगावत कर दी और इस तरह राज्य की सत्ताधारी पार्टी दो धड़ों ओपीएस और ईपीएस में बंट गई।
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