स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर के दर्शन कर सकेंगे अनुयायी, SC ने शर्त के साथ सुनाया फैसला
गंगा पुत्र प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के पार्थिव शरीर के दर्शन अब उनके अनुयायी कर सकेंगे।
नई दिल्ली, माला दीक्षित। गंगा पुत्र प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के पार्थिव शरीर के दर्शन अब उनके अनुयायी कर सकेंगे। जीडी अग्रवाल के पार्थिव शरीर के दर्शन मामले में एम्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बीच का रास्ता निकाला है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के अनुयायियों की भावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, इसलिए एम्स में मौजूद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के अनुयायी उनके पार्थिव शरीर के दर्शन कर करेंगे। हालांकि इसको लेकर कोर्ट ने कुछ निर्देश भी जारी किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर रविवार एम्स ऋषिकेश में, जहां उनका (जीडी अग्रवाल) पार्थिव शरीर संरक्षित रखा गया है, वहां 10-10 के बैच में अनुयायी उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। बता दें कि एक दिन में केवल 50 लोग ही दर्शन कर पाएंगे। कोर्ट के निर्देशानुसार, यह व्यवस्था केवल 10 रविवार तक ही जारी रहेगी।
गौरतलब है कि गंगा सफाई के लिए अनशन पर बैठे पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को लेकर विवाद शुरू हो गया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। दरअसल, जीडी अग्रवाल ने अपने शरीर को एम्स को दान में दे दिया था, लेकिन उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को लेकर अनुयायी और एम्स के बीच विवाद छिड़ गया।
इस मामले की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऋषिकेश के एम्स अस्पताल को निर्देश दिया था कि अग्रवाल के पार्थिव शरीर को मातृ सदन को सौंप दिया जाए। मातृ सदन वही आश्रम है जहां पर जीडी अग्रवाल रहा करते थे। इस फैसले के तुरंत बाद एम्स ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दे दी। जिसपर आज फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अनुयायी की भावना को भी नदरअंदाज नहीं किया जा सकता है।