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वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील से बोले सीजेआइ, आर्ट गैलरी से बेहतर बगीचे में है बैठना

सोमवार को सीजेआइ एसए बोबडे जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ को सुनवाई के दौरान एक वकील की पृष्ठभूमि में कई पेड़ और आसमान दिखाई दिया। इस पर सीजेआइ ने सवाल किया क्या आप बगीचे में बैठे हैं? वकील ने जवाब दिया हां।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 08:01 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 08:01 PM (IST)
वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील से बोले सीजेआइ, आर्ट गैलरी से बेहतर बगीचे में है बैठना
सुप्रीम कोर्ट के सीजेआइ एसए बोबडे वर्चुअल सुनवाई कर रहे थे।

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान सोमवार को एक वकील बगीचे में बैठे दिखाई दिए। इस पर सीजेआइ ने टिप्पणी की कि पृष्ठभूमि में पेड़ों का होना आर्ट गैलरी से बेहतर है। 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से सुप्रीम कोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई कर रहा है। इस दौरान वकील अपने-अपने कार्यालयों या आवासों से बहस करते हैं।

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सोमवार को सीजेआइ एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामासुब्रमणियन की पीठ को सुनवाई के दौरान एक वकील की पृष्ठभूमि में कई पेड़ और आसमान दिखाई दिया। इस पर सीजेआइ ने सवाल किया, 'क्या आप बगीचे में बैठे हैं?' वकील ने जवाब दिया, 'हां।'

इस पर सीजेआइ ने कहा, 'बढ़िया, बढ़िया! आर्ट गैलरी में बैठने से तो बेहतर है।' बगीचे में बैठकर बहस करने को सही ठहराने की कोशिश करते हुए वकील ने कहा कि अंदर काफी शोर था, इसलिए उन्होंने बगीचे में बैठने का विकल्प चुना। सीजेआइ ने कहा कि आपका कदम अच्छा है, हमारे लिए भी यह पृष्ठभूमि देखना सुखद है।

मालूम हो कि अदालत कक्षों में सुनवाई बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की थी। लेकिन सुनवाई शुरू करने के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। इससे पहले अगस्त में ही जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता में सात जजों की समिति ने अदालत कक्षों में प्रयोगात्मक आधार पर सुनवाई बहाल करने की विभिन्न वकील संगठनों की मांग पर संज्ञान लिया था। 

ऑनलाइन क्लासेज के लिए जारी हों जरूरी दिशा-निर्देश

वहीं, दूसरी ओर कोरोना महामारी के कारण चल रही ऑनलाइन क्लासेज के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। पीआइएल में याचिकाकर्ता ने कोर्ट से वर्चुअल क्लासेज को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के लिए यूनियन ऑफ इंडिया (UOI) को निर्देशित करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने छात्रों के इंटरनेट पर उपलब्ध अप्रिय सामग्री के संपर्क में आने का खतरा जताया है।


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