Nuwa Mars First City: मंगल पर बसेगा सपनों का शहर, रह सकेंगे ढाई लाख लोग
Nuwa Mars First City धरती से मंगल पर लोगों को ले जाना एक जटिल कार्य होगा लेकिन यह असंभव बिल्कुल नहीं होगा। उम्मीद की जा रही है कि धरती से मंगल ग्रह तक लोगों को ले जाने के लिए हर 26 महीने पर शटल सेवा का संचालन किया जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। Nuwa Mars First City मंगल ग्रह के बारे में जैसे-जैसे जानकारियां सामने आने लगी हैं, वैसे-वैसे लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। विज्ञानी इस लाल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाश रहे हैं। इस बीच बहुराष्ट्रीय आर्किटेक्चर फर्म एबिबू स्टूडियो ने मंगल ग्रह पर शहर बसाने संबंधी एक योजना को सार्वजनिक किया है।
यह ग्रह के टेंपे मेंसा इलाके में बसाए जाने वाले पांच शहरों में से एक होगा। नुवा नामक यह शहर लाल ग्रह की राजधानी होगा। इसे खड़ी चट्टानों के बगल में समानांतर (हॉरिजेंटल) की बजाय लंबवत (वर्टिकल) बसाया जाएगा, ताकि वातावरण के दबाव व विकिरण को निष्प्रभावी किया जा सके। ऐसा नहीं होने पर विकिरण से लोगों की जान भी जा सकती है। शहर में ढाई लाख लोगों के रहने की व्यवस्था होगी।
वहीं उपलब्ध सामग्री का किया जाएगा इस्तेमाल
मंगल ग्रह की सतह पर कार्बन डाई ऑक्साइड और पानी की उपलब्धता को देखते हुए एबिबू की योजना इनके इस्तेमाल से स्टील उत्पादन की है। यही नहीं, पूरी संरचना के विकास में ग्रह पर उपलब्ध सामग्री का ही इस्तेमाल किया जाएगा। धरती की तरह यहां भी घर, दफ्तर व हरित क्षेत्र होंगे। एबिबू के संस्थापक अल्फ्रेडो मुनोज कहते हैं, ‘हमने कंप्यूटर पर आधारित कई विश्लेषण किए हैं और विज्ञानियों के साथ काम करते हुए यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आगे क्या परेशानियां सामने आ सकती हैं।’ हालांकि, जो मंगल पर बसने की ख्वाहिश रखते हैं उन्हें अभी लंबा इंतजार करना होगा, क्योंकि इस परियोजना पर काम वर्ष 2054 में शुरू होगा और वर्ष 2100 से पहले वहां आबादी बसने की संभावना नहीं है।
चट्टानों को काट बनेंगी इमारतें
नुवा चीन की पौराणिक देवी हैं, जिन्हें इंसानों का रक्षक माना जाता है। उन्हीं के नाम पर इस शहर को बसाया जाएगा। ज्यादातर निर्माण खड़ी चट्टानों के भीतर किया जाएगा, लेकिन छोटी चट्टानों को काटकर भी कुछ इमारतें बनाई जाएंगी।
पार्क का भी होगा निर्माण
योजना में ग्रीन डोम विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसका इस्तेमाल शहर में रहने वाले लोग पार्क के रूप में करेंगे अथवा वहां प्रायोगिक तौर पर सब्जी आदि का उत्पादन किया जाएगा।
खाने के लिए करनी होगी खेती, मनोरंजन की भी होगी व्यवस्था
खाने के लिए मंगल पर भी लोगों को खेती करनी होगी। अनुमान है कि खेती के जरिये आधी आबादी को खिलाने लायक अनाज का उत्पादन किया जा सकेगा। इसके अलवा सूक्ष्म शैवाल को भी खाद्य सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। धरती की तरह वहां भी लोगों के मनोरंजन की सभी प्रकार की व्यवस्थाएं होंगी। इनमें खेल से लेकर आर्ट एंड क्राफ्ट तक शामिल हैं।
2.17 करोड़ रुपये होगा एक व्यक्ति का किराया
धरती से मंगल पर लोगों को ले जाना एक जटिल कार्य होगा, लेकिन यह असंभव बिल्कुल नहीं होगा। उम्मीद की जा रही है कि धरती से मंगल ग्रह तक लोगों को ले जाने के लिए हर 26 महीने पर शटल सेवा का संचालन किया जाएगा। हालांकि, इसका किराया आम आदमी के वश में नहीं होगा। प्रति व्यक्ति इसका किराया तीन लाख डॉलर यानी करीब 2.17 करोड़ रुपये होगा।
(इनपुट: एबिबू स्टूडियो)