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Citizenship Amendment Bill Protest: असम में हिंसक हुआ विरोध प्रदर्शन, सड़कों पर छात्रों का विरोध जारी

Citizenship Amendment Bill Protest असम में नागरिकता संशोधन बिला के विरोध में आज छात्र संगठनों द्वारा बंद बुलाया गया है। वहीं त्रिपुरा में भी लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 08:55 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 01:13 AM (IST)
Citizenship Amendment Bill Protest: असम में हिंसक हुआ विरोध प्रदर्शन, सड़कों पर छात्रों का विरोध जारी
Citizenship Amendment Bill Protest: असम में हिंसक हुआ विरोध प्रदर्शन, सड़कों पर छात्रों का विरोध जारी

गुवाहाटी, एएनआइ। Citizenship Amendment Bill: लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिला पास होने के बाद से असम में जमकर इसका विरोध किया जा रहा है। गुवाहाटी से लेकर डिब्रूगढ़ में लोगों ने आग लगाकर विरोध कर रहे हैं। सोमवार को हुए हंगामे के बाद आज (मंगलवार) ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (NESO)ने 12 घंटे का बंद बुलाया है। राज्य के लोगों का कहना है कि बाहर से आए नागरिकता लेने वाले लोगों से उनकी पहचान और आजीविका को खतरा है। आसू और बाकी संगठन विधेयक का जमकर विरोध कर रहे हैं। 

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गुवाहाटी की सड़कों पर छात्रों का विरोध जारी

असम: नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ गुवाहाटी की सड़कों पर छात्रों का विरोध जारी है। बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को सोमवार रात लोकसभा में पारित किया गया था।

त्रिपुरा में जमकर हंगामा

असम के अलावा त्रिपुरा में भी जमकर हंगामा किया जा रहा है। अगरतला में लोग इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

एक दिन पहले भी हुआ विरोध

छात्र संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद से एक दिन पहले भी सोमवार को पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ था। एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्षेत्र में छात्र संगठनों के शीर्ष संगठन नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) की विधेयक पर आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया था। 

पूर्वोत्तर में आठ राज्यों की अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन, बांग्लादेश, म्यांमार और भूटान से लगती है। शाह के इस दावे के बावजूद कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है, बल्कि घुसपैठ के खिलाफ है, प्रदर्शन हुए। 

आम जनजीवन प्रभावित

ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ और छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर 48 घंटे के असम बंद का आह्वान कर रखा था। बंद के पहले दिन सोमवार को कई जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ।

सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे

सुबह पांच बजे से लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, माजुली, मोरिगांव, बोंगाइगांव, उदलगुड़ी, कोकराझार और बक्सा जिले में सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

एनईएसओ ने मंगलवार को 11 घंटे के पूर्वोत्तर बंद का आह्वान किया है। हॉर्नबिल उत्सव के कारण नगालैंड को बंद से छूट दी गई है। एनईएसओ के बंद को विपक्षी कांग्रेस, वाम और एआइडीयूएफ से भी समर्थन हासिल है। 


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