Move to Jagran APP

पेयजल सुविधा के मामले में गांवों से बेहतर हैं शहर, स्नानघर पर भी जारी हुई रिपोर्ट, जानिए

केवल 58.2 फीसद ग्रामीण व 80.7 फीसद शहरी घरों में उपलब्ध है पेयजल सुविधा।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 08:39 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 08:39 AM (IST)
पेयजल सुविधा के मामले में गांवों से बेहतर हैं शहर, स्नानघर पर भी जारी हुई रिपोर्ट, जानिए
पेयजल सुविधा के मामले में गांवों से बेहतर हैं शहर, स्नानघर पर भी जारी हुई रिपोर्ट, जानिए

नई दिल्ली, एएनआइ। पेयजल सुविधा के मामले में शहरों की स्थिति गांवों से बेहतर है। जुलाई से दिसंबर 2018 के दौरान सिर्फ 58.2 फीसद ग्रामीण व 80.7 फीसद शहरी घरों में पीने का पानी उपलब्ध था। ये बातें नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) में सामने आई हैं।

loksabha election banner

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 76वें दौर के एनएसएस के हिस्से के रूप में पेयजल, सफाई, स्वच्छता और आवासीय स्थिति पर सर्वेक्षण करवाया। 'भारत में पेयजल, सफाई, स्वच्छता व आवासीय स्थिति' शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया है, 'ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्त्रोत हैंडपंप और शहरी क्षेत्र में पाइपलाइन है। 42.9 फीसद ग्रामीण घरों में लोग हैंडपंप का पानी पीते हैं, जबकि 40.9 फीसद शहरी घरों में पाइपलाइन का पानी पीने में इस्तेमाल होता है। ग्रामीण इलाके के 87.6 फीसद व शहरी क्षेत्र के 90.9 फीसद घरों में साल भर पर्याप्त पेयजल उपलब्ध होता है।'

सिर्फ 50 फीसद ग्रामीण व 75 फीसद शहरी घरों में उपलब्ध है स्नानघर

रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र के 50.3 व शहरी क्षेत्र के 75 फीसद घरों में विशेष स्नानघर की सुविधा उपलब्ध है। इसमें बताया गया है कि गांवों के 71.3 व शहरों के 96.2 फीसद घरों में शौचालय की सुविधा है। ग्रामीण इलाके में 50.9 व शहरी क्षेत्र में 48.9 फीसद घरों में सेप्टिक टैंक वाला शौचालय उपलब्ध है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.