संसद का विशेषाधिकार : महाभियोग मामले से जुड़े सांसदों के नाम नहीं बताए जा सकते
राज्यसभा सचिवालय ने आरटीआइ पर जानकारी देने से इन्कार कर दिया। कहा कि संसद की पत्रावली और सांसदों के नाम सार्वजनिक करने से संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा।
मुख्य सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव ने यह आदेश एस मल्लेश्वर राव की याचिका पर दिया है। उन्होंने राज्यसभा सचिवालय से आरटीआइ के जरिये जानना चाहा था किन सांसदों ने जस्टिस सीवी नागार्जुन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर दस्तखत किए थे और किन सांसदों ने उसके खिलाफ राय जाहिर की थी।
रेड्डी 2018 में हैदराबाद हाई कोर्ट से सेवानिवृत हो चुके हैं। राज्यसभा सचिवालय ने इस आरटीआइ पर जानकारी देने से इन्कार कर दिया। कहा कि संसद की पत्रावली और सांसदों के नाम सार्वजनिक करने से संसद के विशेषाधिकार का हनन होगा। इसके बाद मामला सूचना आयोग में आया। वहां पर याचिकाकर्ता को मायूसी ही मिली।
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