सीआइसी ने दिया रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश, आंकड़ों के संकलन का तरीका बदलें
सीआइसी ने कहा कि मृत्यु के आंकड़े एकत्रित करने का काम मुश्किल है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने देश के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि आंकड़ों के संकलन के तरीके में बदलाव किया जाए। खासतौर पर जन्म और मृत्यु की जानकारी दर्ज करने का तरीका बदला जाए। सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने इस बाबत रजिस्ट्रार जनरल के लिए आदेश जारी किया है।
आयोग ने यह आदेश मुंबई के सभी वार्डो में 2016 में हुई मौतों की संख्या जानने वाली एक आरटीआइ की सुनवाई के बाद जारी किया। आयोग को यह सूचना किसी भी स्त्रोत से प्राप्त नहीं हो सकी। सुनवाई में उपस्थित हुए रजिस्ट्रार जनरल के प्रतिनिधि ने कहा कि उनके कार्यालय की भूमिका प्राप्त आंकड़ों के संयोजन की है। उन्हें मुंबई में हुई मौतों के आंकड़े प्राप्त नहीं हुए। ऐसे आंकड़े राज्य स्तर पर नियुक्त रजिस्ट्रार के पास होते हैं।
रजिस्ट्रार जनरल की ओर से बताया गया कि नियमानुसार उसके पास वार्ड स्तर के आंकड़े नहीं होते हैं। ये आंकड़े जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत संकलित एकत्रित और संकलित किए जाते हैं।
सीआइसी ने कहा कि मृत्यु के आंकड़े एकत्रित करने का काम मुश्किल है। इसमें मौत के कारण की जानकारी भी देनी होती है। ऐसे में उसकी प्राथमिक स्तर पर तहकीकात भी करनी होती है। ऐसा ही जन्म के मामले में होता है। उसमें भी घरों में होने वाले जन्म का आंकड़ा जुटाना चुनौती होती है।
आंकड़ों में मृतक की उम्र और मृत्यु के कारण की जानकारी आवश्यक है। इससे लोगों के जीवन स्तर के बारे में जानकारी सामने आएगी। क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल का पता चलता है। इन आंकड़ों से शासन-प्रशासन की स्थिति का पता लगेगा और उन्हें काम करने की दिशा भी मिलेगी। साथ ही इस तरह के आंकड़े जनसामान्य से छिपाने की भी कोई वजह नहीं होनी चाहिए। जनता से जुड़ी जानकारी जनता को मिलनी ही चाहिए।