Chit Fund Scam: अरबों की जमीन कौड़ियों में बेच रही छत्तीसगढ़ सरकार, अभिकर्ता संघ ने जताई आपत्ति
Chit Fund Scam in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में बीते एक दशक तक करीब 155 चिटफंड कंपनियों ने अपने एजेंटों के जरिये निवेशकों को जमकर चपत लगाई है। कंपनियों ने 60 हजार करोड़ रुपये के वारे न्यारे किए हैं।
राधाकिशन शर्मा, बिलासपुर। निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की जा रही चिटफंड कंपनियों की संपत्ति की नीलामी पर एजेंटों (अभिकर्ता) ने आपत्ति की है। आरोप है कि सरकार कुर्क की गई संपत्तियों को औने-पौने दाम पर बेच रही है। इसके चलते सभी निवेशकों का पैसा वापस मिलना मुश्किल हो जाएगा। अभिकर्ता संघ इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। संघ की मांग है कि संपत्तियों की नीलामी कोर्ट की देखरेख में हो।
छत्तीसगढ़ में बीते एक दशक तक करीब 155 चिटफंड कंपनियों ने अपने एजेंटों के जरिये निवेशकों को जमकर चपत लगाई है। कंपनियों ने 60 हजार करोड़ रुपये के वारे न्यारे किए हैं। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन ने कंपनियों की अचल संपत्ति कुर्क कर निवेशकों को राशि लौटाने का काम शुरू कर दिया है।
अभिकर्ताओं का कहना है कि अरबों की जमीनों को सरकार कौड़ियों के भाव बेच रही है। ऐसे में अभिकर्ता संघ ने एक बार फिर हाई कोर्ट की शरण में जाने का निर्णय लिया है। अभिकर्ता संघ के अध्यक्ष गगन कुंभकार का कहना है कि जमीन कुर्की या बिक्री हाई कोर्ट की देखरेख में हो ताकि पाई-पाई का हिसाब रहे और निवेशकों को उनकी राशि वापस मिल जाए।
राजनादगांव में चिटफंड कंपनी की संपत्ति बेचने के बाद राज्य शासन ने निवेशकों को राशि लौटाई है। इसे लेकर संघ में नाराजगी बढ़ने लगी है। राजनांदगांव शहर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में स्थित चिटफंड कंपनी की 292 एकड़ जमीन को राज्य शासन ने आठ करोड़ में बेच दिया है। संघ का कहना है कि इस जमीन का बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा है। अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर का कहना है कि संघ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।
किस चिटफंड कंपनी ने कितने जुटाए थे
अनमोल इंडिया-1200 करोड़,
साई प्रसाद-1200 करोड़,
सांई प्रकाश-1500 करोड़,
कोलकाता वायर- 1200 करोड़,
पिनकान ग्रुप- 1000 करोड़,
बीएन गोल्ड- 600 करोड़,
आरबीएन-एक हजार करोड़,
गुरूकृपा- 1000 करोड़,
पल्सग्रीन- 15000 करोड़ व स्पीक एशिया ने करीब 500 करोड़ रुपये निवेशकों से जुटाए थे।