भारत के चेप्जी इलाके में चीनी सैनिकों ने लगाए तंबू
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। चीन के साथ सरहद पर दिखावे की शांति के बीच तंबुओं पर तनातनी का सिलसिला जारी है। बीते सप्ताह चुमार के नजदीक चेप्जी इलाके में चीन के सैनिकों द्वारा फिर भारतीय हद के भीतर तंबू तानने की घटना सामने आई है। चीन के साथ सीमा पर नए सहयोग समझौते के बावजूद बीते तीन महीनों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी घ्
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। चीन के साथ सरहद पर दिखावे की शांति के बीच तंबुओं पर तनातनी का सिलसिला जारी है। बीते सप्ताह चुमार के नजदीक चेप्जी इलाके में चीन के सैनिकों द्वारा फिर भारतीय हद के भीतर तंबू तानने की घटना सामने आई है।
चीन के साथ सीमा पर नए सहयोग समझौते के बावजूद बीते तीन महीनों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी घुसपैठ की घटनाओं में कोई लगाम नहीं लगी है। सूत्रों के मुताबिक चुमार से करीब चार किमी दूर भारतीय हद के भीतर चेप्जी क्षेत्र में फिर चीनी सैनिकों ने अपने टेंट तान लिए। एलएसी के प्वाइंट आर-30 के नजदीक करीब 20 चीनी सैनिकों ने तंबू लगाए। यह घटना गत दिनों चुमार में सेना की रसद ले जा रहे भारतीय गड़रियों की गिरफ्तारी के बाद की है। सेना मुख्यालय ने हालांकि चेप्जी में चीनी सैनिकों द्वारा टेंट लगाए जाने से इन्कार किया है।
चीन की सेना ने इससे पहले अप्रैल, 2013 में भी लद्दाख के दिपसांग इलाके में भारतीय हद में करीब 19 किमी भीतर टेंट लगाए थे। इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच आमने-सामने की मोर्चाबंदी का गतिरोध सुलझाने में तीन हफ्ते लग गए थे। एलएसी पर चुमार का इलाका चीन के लिए किरकिरी का सबब बना हुआ है और यहां चीनी घुसपैठ की घटनाएं पहले भी कई बार दर्ज की जाती रही हैं।
इस साल जुलाई में चुमार के ही इलाके में चीनी सैनिकों ने भारतीय चौकी पर लगे निगरानी कैमरे को तोड़ दिया था। भारत की ओर से सख्त एतराज दर्ज कराए जाने के बाद चीनी सेना ने फ्लैग मीटिंग में कैमरा लौटाया था। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच गत अक्टूबर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चीन यात्रा के दौरान सीमा रक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) पर दस्तखत किए गए थे। इसके तहत दोनों मुल्कों ने सीमा पर तनावपूर्ण घटनाएं टालने पर सहमति जताई थी।
भारत और चीन के बीच सीमा अभी तक अनिर्णीत है। चीन अवैध तरीके से जम्मू-कश्मीर में भारत की करीब 38 हजार वर्ग किमी जमीन कब्जाए हुए है। जबकि, पूर्वोत्तर में पूरे अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों पर सीमा-विवाद के बहाने अपना दावा करता है।
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