चीन ने लौटाया अरुणाचल प्रदेश का भारतीय किशोर, कुछ समय पहले पीएलए ने किया था अगवा
चीन ने अरुणाचल प्रदेश से अगवा किए गए किशोर को वापस लौटा दिया है। किशोर के अगवा होने की जानकारी अरुणाचल प्रदेश के सांसद ने ट्वीट कर दी थी। इसके बाद से ही भारतीय सेना की तरफ से उसकी वापसी के प्रयास जारी थे।
नई दिल्ली (एएनआई)। चीन की आर्मी ने भारतीय किशोर मिराम टैरोन को वापस भारत को सौंप दिया है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने खुद ट्वीट कर दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि पीएलए ने गुरुवार सुबह भारतीय किशोर मिराम टैरोन को अरुणाचल प्रदेश के वाछा डमई में सेना को सौंप दिया। वहीं अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गाओ ने भी ट्वीट कर भारतीय सेना और भारत सरकार की इसके लिए प्रशंसा की है। उन्होंने अपने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय सेना ने सरकार ने तुरंत इस पर एक्शन लिया जिसकी वजह से ये संभव हो सका।
उसकी वापसी को लेकर भारतीय सेना की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे थे। पिछले सप्ताह ही अरुणाचल प्रदेश के किशोर के चीन की सेना द्वारा अगवा किए जाने की खबर अरुणाचल प्रदेश के सांसद ले ट्वीट कर दी थी। इसके बाद भारतीय सेना की तरफ से एक ट्वीट में कहा गया था कि चीन ने भारतीय सेना की अपील पर पाजीटिव रेस्पांस दिया और अगवा किशोर के अपनी सीमा में होने की बात मानी थी। चीन का कहना था कि उसने लापता भारतीय किशोर का पता लगा लिया है। उसको भारत वापस भेजने के लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गाव ने अपने ट्वीट में बताया था कि चीन की आर्मी ने अरुणाचल प्रदेश के एक 17 वर्षीय किशोर जिसका नाम मिराम टैरोन था, को उसके एक साथी के साथ अगवा कर लिया है। हालांकि उन्होंने ये भी बताया था कि उसका दूसरा साथी किसी तरह से उनकी चंगुल से भागने में सफल रहा और टैरोन के बारे में जानकारी दी। गाव ने ये इसकी जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एन प्रमाणिक को भी देने की बात कही थी।
जानकारी के मुताबिक दोनों किशोर अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय शिकारी हैं। इन्हें सियुंगला क्षेत्र के लुंगटा जोर इलाके से अगवा किया गया था। मिराम जिदा गांव का रहने वाला है। मिली जानकारी के मुताबिक ये घटना त्सांगपो नदी के पास हुई थी। गौरतलब है कि त्सांगपो नदी चीन से अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। भारत में इसको अलग-अलग नाम से जाना जाता है। अरुणाचल प्रदेश में इसको सियांग और असम में इसको ब्रह्मपुत्र कहा जाता है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से चीन की आक्रामकता काफी बढ़ गई है। कुछ समय पहले उसने एकतरफा कार्यवाही कर भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों के नाम बदल दिए थे। हालांकि भारत ने चीन के इस कदम पर आपत्ति जताते हुए साफ कर दिया था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था है और रहेगा।