Move to Jagran APP

राजनाथ सिंह से मुलाकात को काफी व्यग्र थे चीनी रक्षा मंत्री, होटल तक जाने को थे तैयार

मास्को से सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात में चीनी पक्ष का व्यवहार काफी संतुलित था और वे हर बात को काफी ध्यान से सुन रहे थे।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 11:32 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 08:00 AM (IST)
राजनाथ सिंह से मुलाकात को काफी व्यग्र थे चीनी रक्षा मंत्री, होटल तक जाने को थे तैयार
राजनाथ सिंह से मुलाकात को काफी व्यग्र थे चीनी रक्षा मंत्री, होटल तक जाने को थे तैयार

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। मास्को में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात को लेकर चीन के रक्षा मंत्री वी फेंगी कुछ ज्यादा ही व्यग्र दिखे। चीनी पक्ष को जैसे ही इस बात का पता चला कि द्विपक्षीय मुलाकात के लिए भारतीय प्रतिनिधि मंडल खास उत्साहित नहीं है तो चीन के रक्षा मंत्री की तरफ से खास संदेश भिजवाया गया कि वह राजनाथ सिंह के होटल में ही बैठक करने को तैयार हैं। भारतीय दल के मास्को रवाना होने से पहले ही चीन की तरफ से द्विपक्षीय वार्ता की पेशकश की गई थी, लेकिन भारत ने स्वीकृति मुलाकात से 10 घंटे पहले ही दिया।

loksabha election banner

मास्को से सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात में भी फेंगी का व्यवहार काफी संतुलित था और वे हर बात को काफी ध्यान से सुन रहे थे। चीन के रक्षा मंत्री ने अपने शुरुआती वक्तव्य में यह भी बताया कि वह राजनाथ सिंह से मिलने के लिए पिछले 80 दिनों में तीन बार प्रस्ताव कर चुके हैं। हालांकि, भारतीय पक्षकारों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इसका मतलब हुआ कि जब राजनाथ सिंह जून, 2020 में द्वितीय विश्व युद्ध की 75वीं विजय दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए मास्को गये थे, तब भी चीन की तरफ से बातचीत की पेशकश हुई थी।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में दोनो देशों के प्रतिनिधि मंडल का बाडी लैंग्वेज अलग अलग था। 30 व 31 अगस्त को एलएसी पर दोनो देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प का असर चीनी पक्ष पर साफ दिख रहा था। यही वजह है कि उनकी तरफ से मास्को में बातचीत को लेकर दबाव बढ़ा दिया गया था। दूसरी रक्षा मंत्री सिंह का बॉडी लैंग्वेज शुरू से ही बेहद सकारात्मक था। उन्होंने ना सिर्फ गर्मजोशी से वी फेंगी का स्वागत किया, बल्कि उनकी तरफ से उठाये गये हर सवाल का बिंदुवार जबाव भी दिया।

बताते चलें कि चीन के रक्षा मंत्री स्वयं वहां की सेना में 50 वर्षों से ज्यादा का योगदान दे चुके हैं और उन्हें चीनी सेना में बहुत ही प्रतिष्ठा की नजर से देखा जाता है। मुलाकात के दौरान फेंगी ने राजनाथ सिंह को भारत का एक दिग्गज राजनेता बताया। राजनाथ सिंह ने बाद में उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री मेजर जनरल के बी निजामोविक और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जेनरल शेराली मिर्जो से भी अलग-अलग आधिकारिक बातचीत की।

मास्को के बाद सिंह शाम ईरान पहुंचे हैं। उनकी ईरान यात्रा का बहुत ही खास कूटनीतिक महत्व है। भारत व ईरान के रिश्ते हाल के महीनों में काफी तनावपूर्ण हो गये हैं। अमेरिकी प्रतिबंध को देखते हुए भारत ने ईरान से तेल खरीद पूरी तरह से बंद कर दी है जबाव में ईरान ने कई बार कश्मीर मुद्दे को उठाया है। ऐसे में रक्षा मंत्री को तेहरान भेज कर भारत ने सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.