मृतक सैनिकों के परिजनों को चुप कराने की कोशिश कर रहा चीन, नहीं मिला कोई सम्मान
चीन में दो दिन पहले ही एक वीडियो सामने आया था जिसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के परिवार इस बात से नाराज दिख रहे हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन ने गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में मारे गए चीनी सैनिकों के पीडि़त परिवारों को शांत करने का प्रयास किया है। चीनी की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जिन ने लिखा है कि मृतकों को सैन्य सम्मान दिया गया है और यह जानकारी अंतत: सही समय पर लोगों को दी जाएगी, ताकि इन नायकों को याद किया जा सके।
चीन के मारे गए सैनिकों को कोई सम्मान नहीं मिला
उल्लेखनीय है कि चीन आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं करता कि झड़प में उसके सैनिकों की मौत हुई थी। चीन में दो दिन पहले ही एक वीडियो सामने आया था, जिसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के परिवार इस बात से नाराज दिख रहे हैं कि भारतीय शहीदों के विपरीत, चीन के मारे गए सैनिकों को कोई सम्मान नहीं मिला। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद संपादकीय में यह बात कही गई है।
चीन ने मारे गए सैनिकों के बारे में अब तक चुप्पी नहीं तोड़ी
हालांकि ग्लोबल टाइम्स ने कहा है गलवन में हिंसक झड़प में 20 से कम चीनी सैनिक मारे गए हैं। चीन सरकार ने इस बारे में अब तक चुप्पी नहीं तोड़ी है। हू ने 'पीएलए अधिकारियों और सैनिकों को शीर्ष श्रद्धांजलि' देते हुए लिखा, 'चीन की सुरक्षा और चीन की शांति उन पर निर्भर करती है। अब तक चीनी सेना ने मृतकों के बारे में कोई सूचना जारी नहीं की है। पूर्व सैनिक और फिलहाल मीडिया पेशेवर के तौर पर मैं समझता हूं कि यह दोनों देशों में, विशेष रूप से भारत में, जनता के विचारों को नहीं भड़काने के लिहाज से एक जरूरी कदम है। यह बीजिंग की अच्छी सोच है।' कम से कम 40 चीनी सैनिक मारे जाने और भारत की ओर से 16 चीनी सैनिकों के शव सौंपे जाने की भारतीय मीडिया की खबरों को ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने बेबुनियाद कहा है।