Move to Jagran APP

भारत के करीब कई सैन्य अड्डे बनाने में जुटा चीन, भारत को चारों तरफ से घेरने की है साजिश

चीन ने अब पूर्वी लद्दाख में जिस तरह का आक्रामक रवैया दिखाना शुरू किया है क्या वह उसके बड़े गेमप्लान का हिस्सा है? जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट....

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 10:29 PM (IST)
भारत के करीब कई सैन्य अड्डे बनाने में जुटा चीन, भारत को चारों तरफ से घेरने की है साजिश
भारत के करीब कई सैन्य अड्डे बनाने में जुटा चीन, भारत को चारों तरफ से घेरने की है साजिश

नई दिल्ली, जेएनएन। पहले डोकलाम और अब पूर्वी लद्दाख में चीन ने जिस तरह का आक्रामक रवैया दिखाना शुरू किया है, क्या वह उसके बड़े गेमप्लान का हिस्सा है? इस सवाल का सीधा जवाब तो नहीं है लेकिन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की तरफ से मंगलवार को वहां की संसद में पेश एक रिपोर्ट को खंगाला जाए तो बहुत कुछ स्पष्ट हो जाता है। इस रिपोर्ट का निष्कर्ष यही है कि चीन भारत को चारों तरफ से घेरने की पूरी रणनीति बना चुका है।

loksabha election banner

दर्जन भर देशों में सैन्‍य बेस बना रहा चीन 

रिपोर्ट के मुताबिक चीन धीरे-धीरे अपनी रणनीति को अमल में ला रहा है। कम से कम दर्जन भर देशों में चीन अपने सैन्य अड्डे स्थापित कर रहा है जिसमें से कई भारत के निकट पड़ोसी हैं जहां चीन की गतिविधियां सीधे तौर पर भारत के हितों को प्रभावित करती हैं। इसमें पाकिस्तान तो शामिल है ही लेकिन श्रीलंका, म्यांमार, सिंगापुर, यूएई, सेशेल्स जैसे निकट के पड़ोसी देश भी हैं।

विकसित कर रहा परमाणु हथियार 

इस रिपोर्ट में चीन का रक्षा बजट 174 अरब डॉलर और भारत का रक्षा बजट 61.7 अरब डॉलर बताया गया है। वैसे यह रिपोर्ट अमेरिका के रणनीतिक हितों को देखते हुए तैयार की गई है लेकिन इसमें चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी-पीएलए) की ताजा गतिविधियों का जितने विस्तार से जिक्र किया गया है उसके भारत के लिए खास मायने हैं। जैसे इसमें चीन जिन वजहों से अपने न्यूक्लियर हथियारों को विकसित कर रहा है उसके लिए वह भारत को भी एक वजह मानता है। 

भारत ने खारिज कर दिया था चीन का प्रस्‍ताव 

इसमें यह भी बताया गया है कि चीन और भारत के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए वर्ष 2019 में आयोजित वार्ता में चीन की तरफ से एक प्रस्ताव दिया गया था जिसे भारत ने खारिज कर दिया है। दोनों देशों ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की अगुवाई में एक समिति गठित की है जिसकी 22वीं बैठक पिछले वर्ष हुई थी। इसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल करते हैं जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री वांग यी करते हैं। 

वर्चस्व स्थापित करना है चीन का मकसद 

पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की तरफ से पहली बार सीमा विवाद सुलझाने का कोई प्रस्ताव दिया गया था। चीन की सेना म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, यूएई, केन्या, सेशेल्स, तंजानिया, अंगोला व ताजिकिस्तान में अपने अड्डे बनाने की कोशिश में है। अभी दिजीबुती में चीन का सैन्य अड्डा है। इन सभी क्षेत्रों में सैन्य अड्डा बनाने का मकसद दूरदराज के क्षेत्रों में वर्चस्व स्थापित करना है। 

'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना को इसलिए दे रहा बढ़ावा 

इस रिपोर्ट में पाक व चीन के बीच बढ़ते रणनीतिक गठजोड़ की भी पड़ताल है। बताया गया है कि चीन के लिए पाकिस्तान का बेहद रणनीतिक महत्व है। चीन की योजना यह है कि वह भविष्य में पाकिस्तान में स्थिति बंदरगाह व पाइपलाइन से अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करे ताकि भारत के दक्षिणी समुद्री इलाके में स्थिति हिंद महासागर स्थित समुद्री मार्ग पर निर्भरता खत्म हो। इसलिए चीन 'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना को बढ़ावा दे रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.