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चीन का गुलाम बन जाएगा पाकिस्तान, ग्वादर में बसा रहा शहर, रहेंगे सिर्फ चीनी नागरिक

चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के तहत चीन ग्वादर में अपने पांच लाख नागरिकों के लिए 15 करोड़ डॉलर की लागत से एक शहर बना रहा है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 12:51 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 04:27 PM (IST)
चीन का गुलाम बन जाएगा पाकिस्तान, ग्वादर में बसा रहा शहर, रहेंगे सिर्फ चीनी नागरिक
चीन का गुलाम बन जाएगा पाकिस्तान, ग्वादर में बसा रहा शहर, रहेंगे सिर्फ चीनी नागरिक

नई दिल्‍ली [एजेंसी]।  भारत का पड़ोसी मुल्‍क चीन अब पाकिस्‍तान में एक नया शहर बसाने की तैयारी में जुटा है। जी हां, चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत चीन ग्वादर में अपने पांच लाख नागरिकों के लिए 15 करोड़ डॉलर की लागत से एक शहर बना रहा है। दक्षिण एशिया में यह अपनी तरह का चीन का पहला शहर होगा। अगर चीन की यह परियोजना सफल होती है तो वर्ल्ड ट्रेड में चीन का दखल और बढ़ेगा। इसके अलावा दक्षिण एशिया में भी उसकी दखलअंदाजी बढ़ेगी।

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यह माना जा रहा है कि वर्ष 2022 में यह शहर बनकर तैयार हो जाएगा। यहां करीब पांच लाख लोग रहेंगे। इस पूरे प्रोजेक्‍ट की कीमत लगभग 150 मिलियन डॉलर होगी। ये शहर पाकिस्‍तान के ग्‍वादर में बसाया जाएगा। चीन ने पाकिस्तान इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने 36 लाख वर्ग फुट की इंटरनेशनल पोर्ट सिटी को खरीदा है। इस पर वह 15 करोड़ डॉलर में एक रेजिडेंशल प्रॉजेक्ट बनाएगा। इस गेटबंद शहर में सिर्फ चीन के नागरिक ही रह सकेंगे। इसका सीधा सा अर्थ यही है कि चीन अब पाकिस्‍तान का उपयोग अपने उपनिवेश के तौर पर करेगा।

चीन ने अफ्रीका और सेंट्रल एशिया में प्रॉजेक्ट्स पर काम करने वाले अपने नागरिकों के लिए वहां कॉम्प्लेक्स और सब सिटी तैयार किए हैं। चीनी नागरिकों पर आरोप है कि उन्होंने पूर्वी रूस और म्यांमार के उत्तर में कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। चीनी नागरिकों के लिए इस तरह के रेजिडेंशल प्रॉजेक्ट्स को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है।

बता दें कि चीन ने अपने कामगारों के लिए ऐसे ही काम्‍पलैक्‍स या उपनगर अफ्रीका और मध्‍य एशिया में भी बसाए हैं। चीन पर यह भी आरोप लगते रहे हैं कि वह पूर्वी रूस और म्‍यांमार के उत्‍तरी हिस्‍सों पर कब्‍जा करने और अपने नागरिकों के लिए ऐसे विशेष शहर बनाने की कोशिश कर चुका है।

अगर चीन की यह परियोजना सफल होती है तो वर्ल्ड ट्रेड में चीन का दखल और बढ़ेगा। ग्वादर को कार्गो शिप की आवाजाही के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके तहत नौ बिल्डिंग और समुद्र के किनारे करीब 3.2 किमी का मल्टीपर्पज बर्थ बनाने की योजना है।

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