ऑस्ट्रेलिया का चीन पर हमला, कहा- चीन स्थापित व्यवस्था के नियमों का नहीं करता पालन
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नियम और तकाजे को लेकर स्थापित व्यवस्था का भारत और ऑस्ट्रेलिया पालन कर रहे हैं लेकिन चीन ऐसा नहीं कर रहा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध भविष्य में और घनिष्ट होने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फरेल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के बीच अच्छा तालमेल है और दोनों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए उच्च महत्वाकांक्षाएं हैं।
फरेल ने कहा, 'हमारे पास इस समय दो नेता (मोदी और मॉरिसन) हैं, जिनके बीच बेहद अच्छा तालमेल है। दोनों के बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं। ये दोनों ही द्विपक्षीय संबंधों के लिए उच्च महत्वाकांक्षाएं रखते हैं। इसलिए, भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।' इस दौरान उन्होंने चीन पर भी हमला किया। फरेल ने बुधवार को कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नियम और तकाजे को लेकर स्थापित व्यवस्था का भारत और ऑस्ट्रेलिया पालन कर रहे हैं, लेकिन चीन ऐसा नहीं कर रहा।
ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने जोर दिया कि दक्षिण चीन सागर में चीन एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहा है। यह इस विषय पर बनी आम सहमति और वार्ता के मुताबिक नहीं है। विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझा चिंताएं हैं।
उन्होंने कहा कि चीन ने अच्छा विकास किया है, लेकिन ताकत के साथ जिम्मेदारी भी आती है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के दौर में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए बने नियम और तकाजे की व्यवस्था की हिफाजत करने की जरूरत है । ओ फरेल ने कहा, 'दुर्भाग्य से हमारे लिए चिंता करने की वजह है कि हम इस प्रारूप का जितना पालन कर रहे हैं, बीजिंग इसके लिए समर्पित नहीं है।'