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चीन ने अरुणाचल प्रदेश को फिर बताया अपना हिस्‍सा, छह जगहों के बदले नाम

चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्‍सों के नाम आधिकारिक तौर पर बदल दिए हैं। चीन ने अब तिब्‍बती, रोमन और चीनी भाषा के आधार पर इन जगहों का नामकरण किया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 19 Apr 2017 11:26 AM (IST)Updated: Wed, 19 Apr 2017 03:38 PM (IST)
चीन ने अरुणाचल प्रदेश को फिर बताया अपना हिस्‍सा, छह जगहों के बदले नाम
चीन ने अरुणाचल प्रदेश को फिर बताया अपना हिस्‍सा, छह जगहों के बदले नाम

नई दिल्‍ली/बीजिंग (पीटीआई)। दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे से खफा चीन ने अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए प्रदेश के करीब छह जगहों का नाम बदल दिया है। चीन के सिविल अफेयर्स मंत्रालय ने प्रदेश के छह जगहों के नाम बदले जाने की जानकारी देते हुए कहा है कि इन्‍हें तिब्‍बत, राेमन और चीन के कैरेक्‍टर के साथ शुरू किया गया है। इस मामले पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि पीएम मोदी को चीन के खिलाफ सख्ती से कदम उठाने की जरूरत है।

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ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक इन जगहों के नाम वोगेंलिंग (Wo'gyainling), मिला री (Mila Ri), क्‍यूएडेनगार्बो री (Qoidêngarbo Ri), मेंकुआ (Mainquka), ब्‍यूमाला (Bümo La) और नमकापबरी (Namkapub Ri) है।

चीन ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। चीन के मुताबिक इस क्षेत्र का तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के साथ बौद्ध संबंध है। आधिकारिक चीनी मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। 

चीन की सरकारी मीडिया का कहना है कि भारत को क्षेत्र की संप्रभुता दिखाने के लिए नाम बदले गए हैं। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि चीन ने दक्षिण तिब्बत के 6 क्षेत्रों के नामों का मानकीकरण किया है, जो चीनी क्षेत्र का हिस्सा हैं, लेकिन इसमें से कुछ क्षेत्रों का नियंत्रण भारत द्वारा किया जाता है।

गौरतलब है कि चीन शुरू से ही अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्‍बत बताकर इस पर अपना हक जमाता रहा है। भारत और चीन के बीच काफी समय से करीब 3488 किमी के क्षेत्र पर विवाद बना हुआ है। यह क्षेत्र लाइन आॅफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) से लगता हुआ है। इसके अलावा अक्‍साई चीन के हिस्‍से पर भी दोनों देशों के बीच काफी समय से मतभेद है। 1962 के युद्ध के बाद से ही इस क्षेत्र पर चीन ने अपना कब्‍जा जमाया हुआ है। इस विवाद को सुलझाने के लिए अब तक करीब 19 बार वार्ता हो चुकी है।

अरुणाचल प्रदेश के छह जगहों को नया नाम देने की जानकारी उस वक्‍त उजागर हुई है जब एक दिन पहले ही भारत ने दलाई लामा के मुद्दे पर चीन को आड़े हाथों लेते हुए उसे चुप रहने की नसीहत दी थी। दलाई लामा कुछ दिन पहले ही अरुणाचल प्रदेश के तवांग गए थे, जिसको लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। चीन का कहना था कि भारत द्वारा लिए गए इस फैसले से दोनों देशों के संबंधों पर विप‍रीत असर पड़ेगा। इस मसले पर चीन ने भारत को आंख दिखाते हुए यहां तक कह डाला था कि वह अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से स्‍वतंत्र है और इसके लिए वह कुछ भी कर सकता है।

अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्‍सों को नया नाम देने के पीछे उसकी पॉलिसी भी यही है। एक चीनी प्रोफेसर जियोंग कुंशिन के मुताबिक इस क्षेत्र को काफी लंबे समय से दक्षिण तिब्‍बत के नाम से जाना जाता रहा है। लेकिन इसका नाम अब पहली बार बदला गया है। एक रिसर्च स्‍कॉलर गुओ केफान का कहना है कि यह क्षेत्र काफी समय से विवादित रहा है। भारत सरकार ने जिस विवादित क्षेत्र को अरुणाचल प्रदेश का नाम दिया हुआ है चीन ने उसको कभी भी प्रमाणित नहीं किया है।

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