CJI in Srinagar : मुख्य न्यायाधीश बोले- शांति तभी कायम होगी जब लोगों के अधिकारों और उनके सम्मान की रक्षा की जाए
देश के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India CJI NV Ramana) एनवी रमना ने रविवार को श्रीनगर में उच्च न्यायालय के एक नए भवन परिसर की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शांति तभी कायम होगी जब लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाए...
नई दिल्ली, आइएएनएस। देश के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India, CJI NV Ramana) एनवी रमना ने शनिवार को कहा कि शांति तभी कायम होगी जब लोगों की गरिमा और अधिकारों को मान्यता दी जाएगी और उनकी रक्षा की जाएगी। सीजेआई ने श्रीनगर में एक नए उच्च न्यायालय भवन परिसर की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि केवल कानून ही परंपरा के निर्माण के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए उच्च आदर्श वाले लोगों द्वारा कानून के ढांचे में जान फूंकने की जरूरत होती है।
मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India, CJI NV Ramana) एनवी रमना ने यह भी कहा कि न्याय नहीं मिलने से अराजकता बढ़ेगी। इससे न्यायपालिका को खतरा पैदा होगा और उसे अस्थिर कर दिया जाएगा क्योंकि लोग अतिरिक्त न्यायिक तंत्र का रास्ता अपनाएंगे। शांति तभी कायम होगी जब लोगों की गरिमा और अधिकारों की पहचान की जाए और उनका संरक्षण किया जाए। अपने संबोधन में सीजेआइ ने शायर अली जवाद जैदी और रिफत सरफरोश का भी हवाला दिया।
मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India, CJI NV Ramana) एनवी रमना ने कहा कि कश्मीर के प्रशंसक कवि राजा बसु के अनुसार जम्मू-कश्मीर तीन महान धर्मों... हिंदू, बौद्ध और इस्लाम का संगम है। यह संगम है जो हमारी बहुलता के केंद्र में है जिसे बनाए रखने और पोषित करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के कामकाज के लिए यह जरूरी है कि लोग महसूस करें कि उनके अधिकार और सम्मान की रक्षा की जाती है।
मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India, CJI NV Ramana) एनवी रमना ने कहा कि विवादों का शीघ्र न्यायिक निर्णय एक स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है। केवल कानून किसी देश में परंपरा का निर्माण करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। आज उच्च आदर्शों से प्रेरित लोगों को कानूनों के ढांचे में जान फूंकने की आवश्यकता है। आम आदमी हमेशा न्यायपालिका को अपने अधिकारों और स्वतंत्रता का अंतिम संरक्षक मानता है। यह विश्वास बना रहे इसके लिए न्यायाधीश और न्यायिक अधिकारी संवैधानिक व्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।