छत्तीसगढ़: सुरसा गांव में पानी की किल्लत, ना तालाब ना कुआ एक ही तरह के पानी के इस्तेमाल कर रहे लोग
छत्तीसगढ़ के गांव बलरामपुर में लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि ना तालाब कुएं के अभाव के चलते उन्हें पानी की समस्या हो रही है।
बलरामपुर, एएनआइ। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के अंतर्गत आने वाला गांव सुरसा के रहने वाले लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गांव के निवासियों का कहना है कि वे पीने के पानी, नहाने, बर्तन साफ करने, कपड़े धोने, खाना पकाने के लिए एक ही पानी तरह के पानी का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यहां ना तो कोई कुआ ना ही तालाब है। गांव वालों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन उनकी मदद नहीं कर रहा है।
Chhattisgarh: Residents of Balrampur's Sursa village say they use water from a single water source for all purposes - drinking, bathing, cleaning utensils, washing clothes, cooking, in absence of source of water. They say,"There is no well/pond here. Administration isn't helping" pic.twitter.com/5NCyI1EXZf
— ANI (@ANI) August 20, 2020
लोगों की मुसीबत पर राज्य के वड्राफर नगर का सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने कहा कि जल्द ही सुरसा गांव में हैंडपंप लगाया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले जून महीने में दंतेवाड़ा के पखनाचुआ के गांववालों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा था। हालात ऐसे हो गए थे कि वहां के लोग भूमिगत जल स्रोत से दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हो गए थे। हाल ही में पखनाचुआ को नई ग्राम पंचायत बनाया गया है।
नई पंचायत बनने के बाद भी गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें पीने के साफ पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि वह दो भूमिगत जल स्रोतों पर निर्भर हैं। एक गांव निवासी ने कहा कि हमारे पास यहां भूमिगत जल के दो स्रोत हैं। हम यहां पानी लेने के लिए सुबह और शाम आते हैं। हम कई सालों से इस पानी को पी रहे हैं। कोई भी हमारे यहां जांच करने नहीं आया है।
ग्रामीणों का कहना है कि वे शुरू से ही भूमिगत जल स्रोत पर निर्भर हैं, इसलिए इस गांव का नाम पखनाचुआ रखा गया। गांव की आवादी महज 800 लोगों की है। यहां के ग्रामीणों ने बताया कि नई पंचायत के गठन के बाद उनकी मांग पीने के पानी के मुद्दे को हल करने की है।