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अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर 36 से 39 महीने में पूरा होगा, बिना लोहे के उपयोग के पत्‍थरों से बनेगा मंदिर

देश में श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान मकर संक्रांति 15 जनवरी से माघी पूर्णिमा 27 फरवरी तक चलेगा। विश्व हिंदू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने अभियान को लेकर संगठन प्रमुखों से गुरुवार को रायपुर में चर्चा की।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 09:55 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 09:55 PM (IST)
अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर 36 से 39 महीने में पूरा होगा, बिना लोहे के उपयोग के पत्‍थरों से बनेगा मंदिर
विश्व हिंदू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय

रायपुर, राज्य ब्यूरो। देश में श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान मकर संक्रांति 15 जनवरी से माघी पूर्णिमा 27 फरवरी तक चलेगा। विश्व हिंदू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने अभियान को लेकर संगठन प्रमुखों से गुरुवार को रायपुर में चर्चा की। पंडरी स्थित विश्व हिंदू परिषद कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा में चंपत राय ने कहा कि दीर्घजीवी और मजबूत मंदिर का निर्माण कार्य जनवरी से प्रारंभ हो गया है। इसे 36 से 39 महिनों में पूर्ण कर लिया जाएगा। बिना लोहे के उपयोग के पत्थरों से बनने वाले मंदिर के डिजाइन और समस्त तकनीकी सहयोग करने देश की श्रेष्ठ संस्थाएं दे रही हैं। इसमें आइआइटी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, टाटा, एल एंड टी समन्वय के साथ काम कर रही हैं।

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श्रीराम मंदिर निर्माण में सहयोग करना ऐतिहासिक कार्य, कार्यकर्ता घर-घर से एकत्र करेंगे राशि

राय ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण करने का अवसर 500 वर्षों के कड़े संघर्ष और हजारों के बलिदान देने के बाद आया है। मंदिर का निर्माण देश में विदेशी आक्रांताओं से मुक्ति का प्रतीक है। यह बाबर के आक्रमण के कलंक को मिटाएगा। इस एतिहासिक महत्व के कार्य के लिए देश भर से करोड़ों लोगों का सहयोग मिल रहा है। श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण समिति के द्वारा प्रत्येक राज्य, शहर, गांव तक पहुंचकर आधी आबादी से सहयोग प्राप्‍त करने का प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ में 31 जनवरी को एक दिन में निधि समर्पण करने का कार्य किया जाएगा। इस दिन कार्यकर्ता घर घर जाकर समर्पण निधि का संग्रह करेंगे।

तय समय के बाद भी मंदिर निर्माण के लिए कर सकते हैं दान

एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि निधि संग्रह करने की तिथि कार्यकर्ताओं की सुविधा के लिए तय की गई है। कोई व्यक्ति या संगठन तय समय के बाद भी राशि समर्पित कर सकता है। राशि समर्पण करने में सरकार को शामिल नहीं किया है, लेकिन सरकार में शामिल व्यक्ति भी आम आदमी का हिस्सा है, इसलिए एक व्यक्ति होने के रूप में सहयोग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ श्रीराम का ननिहाल है इस नाते यहां कार्यकर्ता अधिक उत्साहित हैं, हालांकि समिति देश के सभी हिस्सों को एक दृष्टि से देखती है, क्योंकि श्रीराम पूरे देश के हैं।


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