भालुओं को आइसक्रीम की लत, डिब्बा खोल कर जाते हैं चट, दुकानदार हुए परेशान
अंकित कुमावत बताते हैं कि लगभग तीन महीने से तीन से चार भालू रात के समय यहां आकर ठेले से आइसक्रीम निकालकर खा जाते हैं। कई बार हल्ला कर उन्हें भगाते भी हैं लेकिन तीन-चार भालुओं के होने से डर भी लगता है।
कांकेर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में कांकेर शहर के शीतलापारा वार्ड में इन दिनों रोजाना कुछ भालू आइसक्रीम के लालच में पहुंच रहे हैं। आइसक्रीम विक्रेताओं के ठेलों में रखे आइसक्रीम भालू चट कर जा रहे हैं, जिससे आइसक्रीम विक्रेता परेशान हैं। आइसक्रीम विक्रेताओं की मानें तो भालुओं ने अब तक पचास हजार की आइसक्रीम चट कर दिया है।
कांकेर के शीतलापारा के दो भाई लगाते हैं ठेला
शीतलापारा में तालाब के पास रहने वाले अंकित कुमावत अपने भाई के साथ आइसक्रीम का व्यवसाय करते हैं। शहर में दो अलग-अलग जगहों पर उनका ठेला लगता है। रोजाना दुकान बंद होने के बाद वह ठेले को अपने घर के सामने खड़ा करते हैं। रात के समय तीन-चार भालू वहां आ जाते हैं और ठेले में रखे बाक्स के ढक्कन को उठाकर आइसक्रीम खा जाते हैं।
अंकित कुमावत बताते हैं कि लगभग तीन महीने से तीन से चार भालू रात के समय यहां आकर ठेले से आइसक्रीम निकालकर खा जाते हैं। कई बार हल्ला कर उन्हें भगाते भी हैं, लेकिन तीन-चार भालुओं के होने से डर भी लगता है। जिस दिन अधिक मात्रा में आइसक्रीम बच जाती है, उस दिन रातभर जागकर रखवाली करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीने में भालू उनका 50 से 60 हजार रुपये का आइसक्रीम खा चुके हैं। आइसक्रीम को भालुओं से बचाने के लिए ठेले में राड लगाकर लाक और एल्युमिनियम की चादर भी लगाई थी। भालुओं ने आइसक्रीम खाने के लिए एल्युमिनियम की चादर को तोड़ दिया और राड को मोड़कर आइसक्रीम निकालकर खा गए।
बाहर निकलने से डरते हैं लोग
आइसक्रीम विक्रेता अंकित कुमावत ने बताया कि वह जहां रहते हैं, वहां पांच परिवार और भी निवासरत हैं। जगह चारों ओर से खुली है। इसलिए रात को किसी भी ओर से अक्सर भालू आ जाते हैं। भालुओं की आवाजाही की वजह से लोग डर के कारण रात के समय घर से बाहर नहीं निकलते हैं।