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Chhattisgarh Naxal Attack: गोलीबारी के बीच पगड़ी फाड़कर सिख जवान ने बचाई साथी की जान

। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तीन अप्रैल को हुए नक्सली मुठभेड़ में जवान बलराज सिंह ने न सिर्फ नक्सलियों से मोर्चा लिया बल्कि अपने साथी की जान बचा कर सुर्खियों में है। सिखों की शान पगड़ी को फाड़कर बलराज ने अपने साथी की जान बचाई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 09:01 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 09:01 PM (IST)
Chhattisgarh Naxal Attack: गोलीबारी के बीच पगड़ी फाड़कर सिख जवान ने बचाई साथी की जान
एसआइ अभिषेक के पैर में गोली लग गई

मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तीन अप्रैल को हुए नक्सली मुठभेड़ में जवान बलराज सिंह ने न सिर्फ नक्सलियों से मोर्चा लिया, बल्कि अपने साथी की जान बचा कर सुर्खियों में है। सिखों की शान पगड़ी को फाड़कर बलराज ने अपने साथी की जान बचाई। घने जंगल और पहाड़ों के बीच चल रही गोलीबारी के बीच अपनी जान की परवाह किए बगैर बलराज ने नक्सलियों के हैंड ग्रेनेड और राकेट लांचर के वार का मुस्तैदी से मुकाबला किया। खुद पेट में गोली लगने के बाद भी नक्सलियों का मुंहतोड़ जवाब भी दिया। घायल बलराज ने अपने साथ सब इंस्पेक्टर अभिषेक पांडेय के पैर से निकल रहे खून को रोकने के लिए सिखों की शान पगड़ी तक की परवाह नहीं की।

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बीजापुर के नक्सली हमले में गोली लगने से घायल हो गए थे जवान बलराज 

राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे पंजाब के तरनतारन के बलराज सिंह ने बताया कि बीजापुर के जोनागुड़ा की पहाडि़यों में नक्सलियों ने जवानों को चारों तरफ से घेर लिया था। करीब 400 जवान सर्चिग आपरेशन पर निकले थे। नक्सली पहाड़ी के किनारे छिपकर राकेट लांचर और ग्रेनेड से हमला कर रहे थे। उनकी बटालियन भी जवाबी फायरिंग कर रही थी। इसी बीच एसआइ अभिषेक के पैर में गोली लग गई। अभिषेक एक पेड़ के किनारे दर्द के कारण चिल्ला रहे थे।

एसआइ अभिषेक पांडे के पैर से निकलते खून को रोकने के लिए बांधी पगड़ी

उस समय नक्सलियों की गोली से बचना और उनको जवाब देना चुनौतिपूर्ण था। लेकिन अभिषेक की कराह सुनकर वो रेंगकर और पेड़ों की आड़ लेते हुए पहुंचे। खून तेजी से निकल रहा था, उसी समय पगड़ी निकाली और उसे फाड़कर अभिषेक के पैर में बांध दिया। इसके बाद अभिषेक को पेड़ की आड़ में छोड़कर एक बार फिर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान एक गोली उनके पेट में लगी। साथी जवानों ने उनको मुठभेड़ एरिया से किनारे किया और तीन किलोमीटर पैदल चलकर वे सभी सिलगेर पहुंचे। यहां से सेना के हेलीकाप्टर से उनको बाहर निकाला गया।

डीजी विज ने भेंट की पगड़ी

घायल जवान बलराज से डीजी आरके विज ने अस्पताल में मुलाकात की। विज ने घटना के बारे में जानकारी ली। बलराज ने जब बताया कि उसने अपनी पकड़ी फाड़कर साथी की जान बचाई, तो विज ने अगले दिन उनको लाल रंग की पगड़ी दी।


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