Move to Jagran APP

प्रशासन ने फेरा मुंह तो 4 सौ साल पुरानी झील को बचाने के लिए लोगों ने चलाई मुहीम

स्थानीय निवासियों ने शुक्रवार को बस्तर जिले के जगदलपुर में 400 साल पुरानी दलपत सागर झील को साफ करने का अभियान चलाया। प्रशासन की ओर से झील को साफ करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:51 AM (IST)
प्रशासन ने फेरा मुंह तो 4 सौ साल पुरानी झील को बचाने के लिए लोगों ने चलाई मुहीम
प्रशासन ने फेरा मुंह तो 4 सौ साल पुरानी झील को बचाने के लिए लोगों ने चलाई मुहीम

बस्तर, एएनआइ। स्थानीय निवासियों ने शुक्रवार को बस्तर जिले के जगदलपुर में 400 साल पुरानी दलपत सागर झील को साफ करने का अभियान चलाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से झील को साफ करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। गंदगी के चलते झील के आसपास वनस्पति और जीव प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें ये कदम उठाना पड़ा।  

loksabha election banner

एक स्थानीय निवासी ने कहा कि दूषित झील में पानी में ऑक्सीजन के स्तर में भारी गिरावट के कारण इसमें रह रहे जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हम जो कर रहे हैं, वह प्रशासन को करना चाहिए था। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार इस अभियान के तहत स्थानीय लोग सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक तालाब की सफाई करते हैं। प्रतिदिन तालाब से कम से कम 3 से 4 टन कचरा बाहर निकाला जा रहा है।

सरकार का कोई समर्थन नहीं

अभियान की सदस्य उर्मिला आचार्य ने दावा किया कि अभियान में शामिल सदस्यों को सरकार का कोई समर्थन नहीं मिल रहा है, फिर भी हम सभी समर्पण के साथ निस्वार्थ भाव से काम जारी रखे हुए हैं।

तालाब का इतिहास

तालाब के इतिहास को साझा करते हुए, निवासी डॉ. सुषमा झा ने कहा: '1772 में, राजा दलपत देव ने इस तालाब को शहर की सिंचाई और जल निकासी के लिए बनाया था। समय के साथ इस तालाब की देखरेख नहीं की गई। लगभग 18-19 साल पहले, सरकार ने इस तालाब को बचाने की कोशिश की, लेकिन ज्यादा कुछ नहीं हुआ।'

तालाब बस्तर के धरोहर हैं

इस अभियान के एक सदस्य ने कहा 'तालाबों की हालत दयनीय हो गई है और स्थिति यह है कि आधे से अधिक तालाब और कुएं विलुप्त हो गए हैं या इसके कगार पर हैं। तालाब बस्तर के धरोहर हैं और इनमें से कुछ ही बचे हैं। हमने उनमें से एक को संरक्षित करने की जिम्मेदारी ली है।'

यहां भी पढ़ें: यहां आज भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एकमात्र जरिया हैं बैलगाड़ियां, नंबर प्लेट के साथ अनोखा सिस्टम

यहां भी पढ़ें: VIDEO: नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में भीड़ का विरोध प्रदर्शन, जवानों को करनी पड़ी फायरिंग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.