छत्तीसगढ़: कोरबा के स्कूली छात्र ने बनाई ऐसी वंडर कार, नासा से आया बुलावा
अमेरिका के नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने विवेक के कांसेप्ट की तारीफ करते हुए उसे फ्लोरिडा आने का बुलावा भेजा है।
देवेन्द्र गुप्ता, कोरबा। साइंस फिक्शन और फैंटेसी कहानियों में हम देखते-सुनते हैं कि सड़क पर हवा की रफ्तार से दौड़ने वाली कार नदी में उतर कर मोटर बोट की तरह चलने लगती है और फिर देखते-देखते आसमान में उड़ने लगती है। ऐसी परिकल्पना को छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर के होनहार छात्र विवेक शुक्ला ने साकार करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। उनके डिजाइन किए अनोखे ह्वीकल मॉडल की चर्चा इन दिनों अमेरिका में हो रही है।
अमेरिका के नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने विवेक के कांसेप्ट की तारीफ करते हुए उसे फ्लोरिडा आने का बुलावा भेजा है। विवेक ने एक ऐसी कार का डिजाइन बनाकर नासा की वेबसाइट पर भेजा था, जो जमीन ही नहीं, पानी और हवा में भी चल सकती है। इस वाहन को उसने होवर कार का नाम दिया है।
नासा ने अमेरिका आने का दिया निमंत्रण
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रामपुर में रहने वाले विनोद शुक्ला व उनकी पत्नी रजनी ने कभी सोचा नहीं था कि किताबों में खोए रहने वाले उनके बेटे विवेक को नासा से बुलावा आएगा। निर्मला स्कूल में 12वीं विज्ञान संकाय के छात्र विवेक को उसकी अनोखी परिकल्पना के लिए शाबासी देते हुए नासा ने अमेरिका आने का निमंत्रण दिया है।
अमेरिका जाकर प्रजेन्टेशन देने का मौका
दरअसल वर्ष 2020 में नासा का मंगल मिशन शुरू हो रहा है, जिसकी कामयाबी के लिए दुनियाभर से सुझाव मांगे गए थे। इसमें ऐसे वैज्ञानिक सुझाव आमंत्रित किए गए थे, जिनका मिशन मंगल में इस्तेमाल कर बेहतर क्रियान्वयन किया जा सके। नासा की वेबसाइट पर इस ऑनलाइन अभियान के लिए विवेक ने भी अपना कांसेप्ट सबमिट किया था, जो नासा के वैज्ञानिकों को पसंद आ गया। अब विवेक को अमेरिका जाकर अपने कांसेप्ट और मॉडल का प्रजेन्टेशन देने के साथ-साथ मंगल मिशन की प्रक्रिया से नजदीक से रू-ब-रू होने का मौका मिला है।
ऑनलाइन माध्यम से बोर्डिंग पास
फ्लोरिडा में 17 जुलाई से पांच अगस्त के बीच अमेरिका का मंगल मिशन एक्टिवेट होगा और उसका यान मंगल को कूच करेगा। इसी दरम्यान नासा ने विवेक को अपने फ्लोरिडा स्थित एयरफोर्स रिसर्च स्टेशन आने के लिए ऑनलाइन माध्यम से बोर्डिंग पास भी भेजा है। अब विवेक को वहां जाकर नासा की एयरोस्पेस तकनीक, कार्यप्रणाली और महत्वपूर्ण मंगल मिशन के बारे में जानने और समझने का सुनहरा अवसर मिल सकेगा। विवेक के पिता विनोद शुक्ला समाज कल्याण विभाग में कार्यरत हैं। माता-पिता अपने पुत्र की इस उपलब्धि पर चकित होने के साथ काफी प्रसन्न् हैं।
एक करोड़ से ज्यादा आए थे सबमिशन
नासा ने मंगल मिशन के लिए दुनियाभर से सुझाव आमंत्रित किए थे। इसके लिए जारी लिंक के क्लोज होने के बाद दर्ज पंजीयन पर गौर करें तो कुल एक करोड़ नौ लाख 32 हजार 295 सबमिशन आए। इनमें केवल भारत से ही 17 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने कांसेप्ट व सुझाव नासा से साझा किए थे।