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अश्‍लील सीडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को बनाया पक्षकार, मुकदमे को राज्‍य से बाहर स्‍थानांतरित करने की हो रही मांग

कथित सीडी मामले के मुकदमे को राज्य के बाहर स्थानांतरित करने की मांग संबंधी सीबीआइ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ सरकार को पक्षकार बना लिया। इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक आरोपित हैं।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 07:12 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 07:12 PM (IST)
अश्‍लील सीडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को बनाया पक्षकार, मुकदमे को राज्‍य से बाहर स्‍थानांतरित करने की हो रही मांग
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ सरकार को पक्षकार बना लिया

नई दिल्ली, प्रेट्र। कथित सीडी मामले के मुकदमे को राज्य के बाहर स्थानांतरित करने की मांग संबंधी सीबीआइ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ सरकार को पक्षकार बना लिया। इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक आरोपित हैं। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आरएस रेड्डी की पीठ ने सह-आरोपित कैलाश मुरारका का आवेदन स्वीकार करते हुए कहा कि चूंकि छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ काफी आरोप लगाए गए हैं इसलिए यह उचित होगा कि उसे मामले में पक्षकार के रूप में शामिल किया जाए। 

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सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर राज्य को इस मामले में पक्षकार बनाया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि आरोपितों का राज्य को पक्षकार के रूप में शामिल करने की मांग करना इस आशंका को मजूबत और पुष्ट करता है कि छत्तीसगढ़ में इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई शायद संभव नहीं होगी। 

यह था मामला 

2018 में छत्तीसगढ़ के तत्‍कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने फर्जी सीडी के माध्यम से कथित रूप से उन्हें बदनाम करने के लिए कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में सीबीआई ने वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, व्यवसायी विजय भाटिया, कैलाश मुरारका और रिंकु खनूजा समेत कुछ अन्य लोगों को भी आरोपित बनाया। इसी वजह से सीबीआइ चाहती है कि इस मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ से बाहर हो। मूणत को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह का करीबी सहयोगी माना जाता था। उन्होंने कहा था कि सीडी उनकी छवि को धूमिल करने का एक प्रयास था। बाद में राज्य पुलिस ने पत्रकार वर्मा के घर पर घेराबंदी की और उन्हें अपने साथ ले गई। वर्मा इससे पहले बीबीसी में काम कर रहे थे।


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